नई दिल्ली:
छात्रों पर दबाव कम करने के मकसद से छह साल पहले खत्म की गई सीबीएसई की 10वीं की बोर्ड परीक्षा को फिर से शुरू किए जाने की संभावना है. बोर्ड परीक्षा खत्म किए जाने से चिंता पैदा हो रही थी कि इससे शिक्षा का स्तर गिर रहा है. इस संबंध में अंतिम फैसला केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 25 अक्तूबर को होने वाली बैठक में किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'शिक्षाविदों तथा अभिभावक संगठनों से अभिवेदन मिले जिन्होंने कहा कि परीक्षा खत्म किए जाने तथा फेल नहीं करने की नीति की वजह से शिक्षा का स्तर प्रभावित हो रहा है.' अधिकारी ने कहा, 'इसके अतिरिक्त, यह देखा जा रहा है कि छात्र सीधे 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दबाव झेल पाने में असफल हैं, जो उनका करियर तय करने में एक महत्वपूर्ण निर्णायक कारक है.' उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक इस बारे में कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई है कि प्रणाली को दोबारा कब शुरू किया जाए, ऐसा माना जाता है कि इसे 2018 में किया जा सकता है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की परीक्षा 2010 में खत्म कर दी गई थी और इसकी जगह मौजूदा सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली के तहत छात्रों पर दबाव कम करने के लिए पूरे साल टेस्ट और उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देने की व्यवस्था की गई थी. आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति में संशोधन करने का मुद्दा भी केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक के मुद्दे में शामिल है. संभावना है कि इस नीति को पांचवीं कक्षा तक ही सीमित रखा जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'शिक्षाविदों तथा अभिभावक संगठनों से अभिवेदन मिले जिन्होंने कहा कि परीक्षा खत्म किए जाने तथा फेल नहीं करने की नीति की वजह से शिक्षा का स्तर प्रभावित हो रहा है.' अधिकारी ने कहा, 'इसके अतिरिक्त, यह देखा जा रहा है कि छात्र सीधे 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दबाव झेल पाने में असफल हैं, जो उनका करियर तय करने में एक महत्वपूर्ण निर्णायक कारक है.' उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक इस बारे में कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई है कि प्रणाली को दोबारा कब शुरू किया जाए, ऐसा माना जाता है कि इसे 2018 में किया जा सकता है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की परीक्षा 2010 में खत्म कर दी गई थी और इसकी जगह मौजूदा सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली के तहत छात्रों पर दबाव कम करने के लिए पूरे साल टेस्ट और उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देने की व्यवस्था की गई थी. आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति में संशोधन करने का मुद्दा भी केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक के मुद्दे में शामिल है. संभावना है कि इस नीति को पांचवीं कक्षा तक ही सीमित रखा जाएगा.
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