
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के मकसद से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सुझाव दिया है कि शिक्षकों को उच्च कक्षा के छात्रों को वजनदार पुस्तकें लाने के प्रति हतोत्साहित करना चाहिए, जबकि स्कूलों को कक्षा दो तक स्कूल में ही पुस्तकें रखनी चाहिए।
टाइमटेबल के हिसाब से लाएं किताबें
सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि सीबीएसई ने कई सुझाव दिए हैं, जिसमें स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों को यह सुझाव दिया गया है कि उच्च कक्षा के छात्रों को टाइम टेबल (समयसारणी) के अनुरूप ही पुस्तकें लाने को कहा जाए और स्कूलों में वजनदार सहयोगी पाठ्यपुस्तकें या पाठ्यसामग्री लाने को हतोत्साहित करना चाहिए।
होमवर्क बहुत ज्यादा न हो
इसमें कहा गया है कि जितना संभव हो सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित सीखने की पद्धति को प्रोत्साहित करना चाहिए। होमवर्क काफी अधिक न हो और अकादमिक संयोजक या पर्यवेक्षक इसकी निगरानी करें। पाठ्येत्तर गतिविधियां प्रतिदिन स्कूलों में होनी चाहिए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
टाइमटेबल के हिसाब से लाएं किताबें
सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि सीबीएसई ने कई सुझाव दिए हैं, जिसमें स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों को यह सुझाव दिया गया है कि उच्च कक्षा के छात्रों को टाइम टेबल (समयसारणी) के अनुरूप ही पुस्तकें लाने को कहा जाए और स्कूलों में वजनदार सहयोगी पाठ्यपुस्तकें या पाठ्यसामग्री लाने को हतोत्साहित करना चाहिए।
होमवर्क बहुत ज्यादा न हो
इसमें कहा गया है कि जितना संभव हो सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित सीखने की पद्धति को प्रोत्साहित करना चाहिए। होमवर्क काफी अधिक न हो और अकादमिक संयोजक या पर्यवेक्षक इसकी निगरानी करें। पाठ्येत्तर गतिविधियां प्रतिदिन स्कूलों में होनी चाहिए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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