फर्जी टीवी रेटिंग (Fake Ratings Case) मामले में सीबीआई (CBI) ने जांच के लिए केस दर्ज कर लिया है. जांच एजेंसी ने केस दर्ज करने के लिए इस मामले में उत्तर प्रदेश में दर्ज एक शिकायत को आधार बनाया है. अधिकारियों ने बताया कि रेटिंग में हेरफेर के आरोपों पर एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई ने लखनऊ पुलिस से जांच का जिम्मा अपने हाथ में लिया है.
बता दें कि मुंबई पुलिस (Mumbai Police) भी इस मामले की जांच कर रही है और उसने रिपब्लिक टीवी समेत तीन चैनलों को आरोपी बनाया है. रिपब्लिक टीवी ने सीबीआई जांच की मांग की है और मुंबई पुलिस पर आरोप लगाया है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर सवाल उठाने की वजह से वह उसके खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है.
TRP फर्जीवाड़े पर बोले मुंबई पुलिस कमिश्नर- दर्शकों ने बताया चैनल देखने के पैसे मिले
मंगलवार को बीजेपी प्रशासित उत्तर प्रदेश में एक शिकायत दर्ज होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी.
इस महीने की शुरुआत में मुंबई पुलिस ने कहा था कि न्यूज ट्रेंड्स के विस्तृत विश्लेषण के बाद एक रेटिंग घोटाला उभर कर सामने आया है कि कैसे गलत कहानी फैलाई गई, विशेष कर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में.
चैनल देखने के लिए पैसे दिए थे, नहीं पता था कि यह तो रेटिंग के लिए हेराफेरी है : गवाह
मुंबई के पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह ने कहा था कि घरों में रेटिंग मीटर लगाने वाली एजेंसी हंसा के पूर्व कर्मचारियों ने तीन चैनलों के साथ खुफिया आंकड़े साझा किए जिनके खिलाफ जांच की जा रही है. हंसा के आंकड़ों का इस्तेमाल BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल) द्वारा किया जाता है जो देश भर के चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग जारी करता है.
मीडिया संगठनों ने कथित रूप से अपने चैनल को हर समय चालू रखने के लिए पैसे दिए थे, भले ही लोग इसे नहीं देख रहे हों.
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