सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
देशभर में मेडिकल (MBBS) और बीडीएस (BDS) के दाखिले के लिए एक ही परीक्षा नीट (NEET) के मामले को चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई के लिए जस्टिस दवे की बेंच में भेज दिया है। इस मामले की 7 जुलाई को सुनवाई होगी।
जस्टिस अनिल आर दवे की बेंच ही पहले से मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सारे सरकारी और प्राइवेट कालेजों मे इसी साल से NEET लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिए राज्य सरकारों को अपने कालेजों में इस साल के लिए NEET से छूट दे दी गई थी।
अध्यादेश को रद्द करने की मांग
इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती इसलिए अध्यादेश को रद्द किया जाए। साथ ही याचिका में देशभर में सेंट्रल काउंसिलिंग की व्यवस्था करने की मांग की है।
दरअसल 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए NEET को लागू कर दिया था और इसके बाद राज्यों और प्राइवेट कालेजों की पुर्नविचार याचिका भी खारिज कर दी थी।
जस्टिस अनिल आर दवे की बेंच ही पहले से मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सारे सरकारी और प्राइवेट कालेजों मे इसी साल से NEET लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिए राज्य सरकारों को अपने कालेजों में इस साल के लिए NEET से छूट दे दी गई थी।
अध्यादेश को रद्द करने की मांग
इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती इसलिए अध्यादेश को रद्द किया जाए। साथ ही याचिका में देशभर में सेंट्रल काउंसिलिंग की व्यवस्था करने की मांग की है।
दरअसल 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए NEET को लागू कर दिया था और इसके बाद राज्यों और प्राइवेट कालेजों की पुर्नविचार याचिका भी खारिज कर दी थी।
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