क्या पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के बिल सार्वजनिक किए जा सकते हैं?

क्या पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के बिल सार्वजनिक किए जा सकते हैं?

खास बातें

  • मई 2014 से अब तक पीएम मोदी 40 देशों की यात्राएं कर चुके हैं
  • सूचना आयोग ने पीएम की यात्राओं से जुड़े दस्तावेज़ मांगे हैं
  • आयोग देखेगा कि क्या इन बिलों को सार्वजनिक किया जा सकता है
नई दिल्ली:

सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं से जुड़ी फाइलें मंगवाई है.आयोग जानना चाहता है कि इन यात्राओं पर कितना खर्च हुआ है और इससे संबंधित बिल को किस तरह सार्वजनिक किया जा सकता है. आयोग ही यह तय करेगा कि क्या पीएम की विदेश यात्रा के खर्चे से संबंधित रिकॉर्ड और एयरक्राफ्ट चार्टर बिलों को पास करने की प्रक्रिया का सूचना के अधिकार के तहत खुलासा किया जा सकता है.

आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने यह कहते हुए इन जानकारियों की मांग की है कि पीएम की इन यात्राओं से जुड़े बिलों को पास करने में होने वाली देरी राष्ट्रीय हवाई सेवा एयर इंडिया को काफी मंहगी पड़ रही है. बत्रा ने एनडीटीवी से कहा 'एयर इंडिया गहरे आर्थिक संकट से जूझ रही है और मैं जानना चाहता हूं कि अलग अलग दौर में राष्ट्रीय हवाई सेवा के बिलों को क्लियर होने में इतना वक्त क्यों लगता रहा है.'

हालांकि पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा कारण बताते हुए जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया. सूचना आयोग ने पीएमओ से एक प्रतिनिधित्व फाइल 18 नवंबर तक पेश करने के लिए कहा है. बता दें कि मई 2014 में पद संभालने के बाद से पीएम मोदी अभी तक चालीस देशों की यात्रा कर चुके हैं.

इसी साल के शुरुआत में पीएम की आधिकारिक वेबसाइट पर उनकी यात्रा और चार्टर फ्लाइट के खर्च का ब्यौरा दिया गया था. इसमें कई जगहों के खर्चे यह कहते हुए नहीं दिखाए गए थे कि उससे संबंधित बिल अभी 'प्राप्त' नहीं हुआ है या 'प्रक्रिया' में है. प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं 'कैबिनेट मंत्री - पीएम एयरक्राफ्ट के रखरखाव - अन्य खर्चे' नाम के बजट हेड से फंड की जाती हैं. आंतरिक दौरे के खर्चे का बिल रक्षा मंत्रालय के नाम पर बनता है.


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