दोनों मंत्रियों के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है।
मालदा (पश्चिम बंगाल):
तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्री जमीन का पट्टा बांटने से जुड़े एक कार्यक्रम में एक दूसरे से कहासुनी करने लगे। उनकी इस हरकत को लेकर पार्टी नेतृत्व ने उन्हें चेतावनी दी है।
दरअसल शरणार्थी पुनर्वास विभाग मंत्री साबित्री मित्रा ने ओल्ड माल्दा और इंग्लिश बाजार उप-संभागों में रह रहे शरणार्थियों को भू अधिकार (पट्टा) बांटने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था। जब लाभार्थियों के बीच पट्टे बांटे जा रहे थे, उसी दौरान खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कृष्णेंद्र चौधरी कथित रूप से मंच पर आ गए और उन्होंने वहां मौजूद उप-संभागीय अधिकारियों से पूछा कि उन्हें बताए बिना कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया गया।
चौधरी ने कहा कि न उन्हें और न ही स्थानीय पार्षद को इस कार्यक्रम की सूचना दी गई और दावा किया कि पट्टे इस तरह नहीं वितरित किए जा सकते। लेकिन मित्रा ने पट्टा बांटने के इस कदम का बचाव किया और कहा कि चौधरी को इसकी सूचना दी गई थी। उन्होंने कहा, 'उन्होंने (कृष्णेन्द्र चौधरी ने) अधिकारियों को धमकी दी। उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा? मैंने तो उन्हें सूचना दी थी।' बाद में, इंगलिश बाजार नगरपालिाका के लाभार्थियों को पट्टा दिए बगैर ही कार्यक्रम बहाल हुआ।
जब दोनों मंत्रियों के बीच की यह कहासुनी टेलीविजन और इंटरनेट पर फैली तब पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने कड़ी आपत्ति की और जिले के पर्यवेक्षक सांसद सुबेंधु अधिकारी से दोनों मंत्रियों से बातचीत करने और उन्हें चेतावनी देने को कहा। बार बार सामने आई तृणमूल कांग्रेस की अंतर्कलह की घटनाओं ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को 12 दिसंबर को नेताओं को चेतावनी देने और विकास कार्यक्रम पर ध्यान देने के लिए ताकीद करना पड़ा था।
दरअसल शरणार्थी पुनर्वास विभाग मंत्री साबित्री मित्रा ने ओल्ड माल्दा और इंग्लिश बाजार उप-संभागों में रह रहे शरणार्थियों को भू अधिकार (पट्टा) बांटने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था। जब लाभार्थियों के बीच पट्टे बांटे जा रहे थे, उसी दौरान खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कृष्णेंद्र चौधरी कथित रूप से मंच पर आ गए और उन्होंने वहां मौजूद उप-संभागीय अधिकारियों से पूछा कि उन्हें बताए बिना कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया गया।
चौधरी ने कहा कि न उन्हें और न ही स्थानीय पार्षद को इस कार्यक्रम की सूचना दी गई और दावा किया कि पट्टे इस तरह नहीं वितरित किए जा सकते। लेकिन मित्रा ने पट्टा बांटने के इस कदम का बचाव किया और कहा कि चौधरी को इसकी सूचना दी गई थी। उन्होंने कहा, 'उन्होंने (कृष्णेन्द्र चौधरी ने) अधिकारियों को धमकी दी। उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा? मैंने तो उन्हें सूचना दी थी।' बाद में, इंगलिश बाजार नगरपालिाका के लाभार्थियों को पट्टा दिए बगैर ही कार्यक्रम बहाल हुआ।
जब दोनों मंत्रियों के बीच की यह कहासुनी टेलीविजन और इंटरनेट पर फैली तब पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने कड़ी आपत्ति की और जिले के पर्यवेक्षक सांसद सुबेंधु अधिकारी से दोनों मंत्रियों से बातचीत करने और उन्हें चेतावनी देने को कहा। बार बार सामने आई तृणमूल कांग्रेस की अंतर्कलह की घटनाओं ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को 12 दिसंबर को नेताओं को चेतावनी देने और विकास कार्यक्रम पर ध्यान देने के लिए ताकीद करना पड़ा था।
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