नई दिल्ली:
बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स की बैठक के आखिरी दिन शनिवार को दोनों देशों ने ज्वाइंट रिकॉर्ड्स ऑफ डिस्कशन पर हस्ताक्षर किए। दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बहाल की जाए।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के एडिशनल सेक्रटरी, तारिक महमूद ने कहा कि दोनों देशों की सभी प्रमुख मुद्दों पर सहमति हो गई है। इन सभी मुद्दों को सीमा पर लागू किया जाएगा। बीएसएफ डीजी डी.के. पाठक ने भी कहा कि पूरी बातचीत बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। दोनों देश सीमा पर शांति कायम करने के लिए तैयार हैं।
9 सितंबर को पाकिस्तान रेंजर्स का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर से होते हुए दिल्ली पहुंचा था। डेलीगेशन का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की ने किया। भारत के 23 सदस्य डेलीगेशन का नेतृत्व बीएसएफ के डीजी डी.के. पाठक ने की। तीन दिनों (10-12 सितंबर) तक दोनों देशों के अधिकारियों ने सीमा पर फायरिंग, घुसपैठ और स्मगलिंग पर बातचीत की।
दोनों देश इस बात के लिए तैयार हो गए हैं कि अगर सीमा पर फायरिंग होती भी है तो पहले दूसरा देश को फोन या ईमेल के जरिए इस बात की तस्दीक करेगा कि आखिर फायरिंग क्यों की गई है, उसके बाद ही फायरिंग का जवाब दिया जाएगा। खासकर अगर दिन में किसी भी देश की ओर से फायरिंग होती है तो दूसरा देश एक घंटे बाद ही जवाब देगा। अगर रात में किसी कारणवश फायरिंग होती है तो दूसरा देश जवाब देने से पहले रोशनी वाला बम जलाएगा, ताकि दूसरा देश समझ जाए।
कोई भी पक्ष मोर्टार से फायरिंग नहीं करेगा। सरहद पर दोनों ओर रहने वाले आम लोगों की सुरक्षा का ख्याल दोनों पक्ष रखेंगे। यही नहीं अब बटालियन स्तर भी मोबाइल और टेलीफोन के जरिए गलतफहमी होने पर तुरंत संपर्क कर सुलझाया जाएगा। सरहद पर लगी बाड़ के मरम्मत और रिपेयर के काम में पाकिस्तान कोई अड़ंगा नहीं लगाएगा पर कोई नया काम नहीं होगा।
दोनों पक्ष इस बात पर भी तैयार हो गए कि बॉर्डर पर कन्फूयजन के चलते होने वाली फायरिंग को भी खत्म किया जाए। साथ ही जरूरत पड़े तो साझा गश्त भी की जाएगी। दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स के आला-अधिकारी हर छह महीने में एक बार बातचीत जरूर करेंगे। दोनों के डीजी स्तर की अगली वार्ता अब 2016 में पाकिस्तान में होना तय हुआ है।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के एडिशनल सेक्रटरी, तारिक महमूद ने कहा कि दोनों देशों की सभी प्रमुख मुद्दों पर सहमति हो गई है। इन सभी मुद्दों को सीमा पर लागू किया जाएगा। बीएसएफ डीजी डी.के. पाठक ने भी कहा कि पूरी बातचीत बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। दोनों देश सीमा पर शांति कायम करने के लिए तैयार हैं।
9 सितंबर को पाकिस्तान रेंजर्स का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर से होते हुए दिल्ली पहुंचा था। डेलीगेशन का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की ने किया। भारत के 23 सदस्य डेलीगेशन का नेतृत्व बीएसएफ के डीजी डी.के. पाठक ने की। तीन दिनों (10-12 सितंबर) तक दोनों देशों के अधिकारियों ने सीमा पर फायरिंग, घुसपैठ और स्मगलिंग पर बातचीत की।
दोनों देश इस बात के लिए तैयार हो गए हैं कि अगर सीमा पर फायरिंग होती भी है तो पहले दूसरा देश को फोन या ईमेल के जरिए इस बात की तस्दीक करेगा कि आखिर फायरिंग क्यों की गई है, उसके बाद ही फायरिंग का जवाब दिया जाएगा। खासकर अगर दिन में किसी भी देश की ओर से फायरिंग होती है तो दूसरा देश एक घंटे बाद ही जवाब देगा। अगर रात में किसी कारणवश फायरिंग होती है तो दूसरा देश जवाब देने से पहले रोशनी वाला बम जलाएगा, ताकि दूसरा देश समझ जाए।
कोई भी पक्ष मोर्टार से फायरिंग नहीं करेगा। सरहद पर दोनों ओर रहने वाले आम लोगों की सुरक्षा का ख्याल दोनों पक्ष रखेंगे। यही नहीं अब बटालियन स्तर भी मोबाइल और टेलीफोन के जरिए गलतफहमी होने पर तुरंत संपर्क कर सुलझाया जाएगा। सरहद पर लगी बाड़ के मरम्मत और रिपेयर के काम में पाकिस्तान कोई अड़ंगा नहीं लगाएगा पर कोई नया काम नहीं होगा।
दोनों पक्ष इस बात पर भी तैयार हो गए कि बॉर्डर पर कन्फूयजन के चलते होने वाली फायरिंग को भी खत्म किया जाए। साथ ही जरूरत पड़े तो साझा गश्त भी की जाएगी। दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स के आला-अधिकारी हर छह महीने में एक बार बातचीत जरूर करेंगे। दोनों के डीजी स्तर की अगली वार्ता अब 2016 में पाकिस्तान में होना तय हुआ है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं