नई दिल्ली:
एनएसजी की सदस्यता हासिल करने के प्रयासों को चीन तथा कुछ अन्य देशों द्वारा बाधित किए जाने की खबरों के करीब एक महीने बाद भारत ने बुधवार को कहा कि ब्राजील, अर्जेंटीना और फ्रांस जैसे देश एनपीटी के हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने के बावजूद एनएसजी का सदस्य बन गए थे।
लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने बताया कि सदस्यता के मुद्दे पर एनएसजी के भीतर विचार-विमर्श जारी है तथा भारत के आवेदन पर जल्द फैसले के लिए सरकार एनएसजी के सभी सदस्यों के साथ संपर्क में है।
उन्होंने बताया कि सोल में 23-24 जून को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की समापन बैठक भारत की सदस्यता के संबंध में फैसला किए बिना संपन्न हो गई थी और भारत के सदस्यता के प्रयासों को चीन तथा कुछ अन्य देशों ने बाधित किया था। उन्होंने एनपीटी के गैर हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते 48 सदस्यीय समूह में भारत के प्रवेश का विरोध किया था।
सिंह ने बताया, ''एनपीटी पर पहले हस्ताक्षर किए बिना एनएसजी के सदस्य बनने वाले देशों में अर्जेंटीना, ब्राजील और फ्रांस शामिल हैं।'' उन्होंने साथ ही कहा कि भारत एक पूर्ण विकसित और विविधतापूर्ण स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम रखता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने बताया कि सदस्यता के मुद्दे पर एनएसजी के भीतर विचार-विमर्श जारी है तथा भारत के आवेदन पर जल्द फैसले के लिए सरकार एनएसजी के सभी सदस्यों के साथ संपर्क में है।
उन्होंने बताया कि सोल में 23-24 जून को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की समापन बैठक भारत की सदस्यता के संबंध में फैसला किए बिना संपन्न हो गई थी और भारत के सदस्यता के प्रयासों को चीन तथा कुछ अन्य देशों ने बाधित किया था। उन्होंने एनपीटी के गैर हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते 48 सदस्यीय समूह में भारत के प्रवेश का विरोध किया था।
सिंह ने बताया, ''एनपीटी पर पहले हस्ताक्षर किए बिना एनएसजी के सदस्य बनने वाले देशों में अर्जेंटीना, ब्राजील और फ्रांस शामिल हैं।'' उन्होंने साथ ही कहा कि भारत एक पूर्ण विकसित और विविधतापूर्ण स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम रखता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)