कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बीच दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों (Migrants) को उनके घर पहुंचाए जाने का काम जोरों पर चल रहा है. मंगलवार को मुंबई के सीएसटी टर्मिनल (CST) पर हालत उस समय चिंताजनक हो गए जब घर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने की उम्मीद में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर स्टेशन के बाहर पहुंच गए. मंगलवार देर शाम तक इन लोगों को हटाया नहीं जा सका. इस बीच, प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेनें चलाने को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच जुबानी जंग भी हुई.
मुंबई के रेलवे स्टेशनों के बाहर इस तरह की भीड़ रोज की बात हो गई है. इनमें से अधिकांश लोग ट्रेन नहीं पकड़ पाते हैं क्योंकि उन्होंने केंद्र की ओर से श्रमिकों के लिए चलाई जा रही विशेष ट्रेनों के लिए पंजीकरण नहीं कराया है.
मुंबई के सीएसटी टर्मिनल के बाहर के एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि देर शाम तक हजारों की संख्या में लोग अपना सामान लेकर इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले पिछले मंगलवार को मुंबई के बांद्रा टर्मिनस के बिहार जाने वाले लोगों का भारी हूजूम देखा गया था और वे तब वहां इंतजार करते रहे जब तक की पुलिस ने उन्हें वापस नहीं भेजा दिया. श्रमिक ट्रेनों में सिर्फ पंजीकृत लोगों को ही चढ़ने की अनुमति है.
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर भीड़ बढ़ाने का आरोप लगाया है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही ट्रेनों को लेकर केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
मलिक ने कहा, "रेल मंत्री पीयूष गोयल पिछले दो दिन से राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने लोकमान्य तिलक स्टेशन से मजदूरों के लिए 49 ट्रेनें आवंटित की है लेकिन डीआरएम कह रहे हैं कि वे 16 से ज्यादा ट्रेनों की अनुमति नहीं दे सकते हैं. 49 ट्रेनों के लिए यात्री स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वह (गोयल) जान-बूझकर इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं."
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