एनडीए की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (Rashtriya Loktantrik Party) के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने तीन कृषि कानूनों के विरोध (Three Agricultural Laws) में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर आज एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया. शनिवार को राजस्थान के अलवर जिले में शाहजहांपुर-खेड़ा सीमा पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए राजस्थान (Rajasthan) के नागौर (Nagaur) से लोकसभा सांसद बेनीवाल ने कहा, "हम किसी के भी साथ नहीं खड़े होंगे, जो किसानों के खिलाफ हैं."
बेनीवाल ने 19 दिसंबर को संवाददाताओं से कहा था कि 26 दिसंबर यानि आज वह दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा.
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इससे पहले 19 दिसंबर को ही उन्होंने संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से त्याग पत्र देने की घोषणा की थी. सांसद ने अपना त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था. बिरला को भेजे पत्र में बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति से इस्तीफा देने बात की थी.
बेनीवाल ने 2018 के राज्य चुनावों से पहले भाजपा को छोड़ने के बाद राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) की शुरुआत की थी. पार्टी ने 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन किया, लेकिन कृषि कानूनों की आलोचना की और किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया.
RLP एनडीए छोड़ने वाला एनडीए का सबसे नया सदस्य है. इससे पहले एनडीए के सबसे बड़े घटक शिवसेना में पिछले साल गठबंधन छोड़ा था. और इस साल सितंबर में अकाली दल ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के विरोध का समर्थन करते हुए एनडीए से खुद को अलग कर लिया.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)
खबरों की खबर : बेनीवाल ने नए कृषि कानून वापस लेने की मांग की
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