पटना:
जेडीयू की अधिकार रैली की तरह अगले वर्ष पटना में हुंकार रैली करने जा रही बीजेपी ने अन्य बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने कार्यक्रम के लिए बिहार का न्योता देने का मन बनाया है, जिससे राज्य में दोनों सत्तारूढ़ दलों के बीच फिर से टकराव के आसार दिखने लगे हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा, अगले वर्ष 15 अप्रैल को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली हुंकार रैली के लिए बीजेपी शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कतराते हैं।
बीजेपी को आशंका है कि बिहार में इससे जेडीयू के साथ संबंधों में खटास आ सकती है। उन्होंने कहा कि न्योता को लेकर बहुत अधिक कयास लगाने की दरकार नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें पार्टी के किसी बड़े कार्यक्रम में प्रमुख नेताओं को बुलाया जाता है। सभी पार्टियां ऐसा करती हैं।
जेडीयू पटना में 4 नवंबर को अधिकार रैली करने जा रही है। मुख्यमंत्री इसके लिए राज्य के सभी जिलों में अधिकार यात्रा सभा कर रहे हैं। इससे पहले जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। सत्तारूढ़ एनडीए में प्रमुख भागीदार बीजेपी भी इस प्रकार के मुद्दे उठाकर पीछे नहीं रहना चाहती है।
नरेंद्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कुछ दिनों पहले बीजेपी और जेडीयू में जमकर घमासान हुआ था। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे थे कि दोनों दलों का गठबंधन टूट जाएगा। बीजेपी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के एक दिन बाद 15 अप्रैल, 2013 को अपना कार्यक्रम रखा है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी अब दलितों को लुभाने की रणनीति अपनाएगी।
राजनीतिक गलियारों में जेडीयू के अधिकार यात्रा अभियान को बिहार में लोकसभा की 40 सीटों पर तैयारी को लेकर देखा जा रहा है। विभिन्न सभाओं में नीतीश कुमार के बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी ने भी बीते दिनों कहा था कि वह 40 लोकसभा सीटों और 243 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर सांगठनिक स्तर पर तैयारी कर रही है। विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस भी बयानबाजी कर रहे हैं कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अधिक दिनों तक नहीं चलेगा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा, अगले वर्ष 15 अप्रैल को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली हुंकार रैली के लिए बीजेपी शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कतराते हैं।
बीजेपी को आशंका है कि बिहार में इससे जेडीयू के साथ संबंधों में खटास आ सकती है। उन्होंने कहा कि न्योता को लेकर बहुत अधिक कयास लगाने की दरकार नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें पार्टी के किसी बड़े कार्यक्रम में प्रमुख नेताओं को बुलाया जाता है। सभी पार्टियां ऐसा करती हैं।
जेडीयू पटना में 4 नवंबर को अधिकार रैली करने जा रही है। मुख्यमंत्री इसके लिए राज्य के सभी जिलों में अधिकार यात्रा सभा कर रहे हैं। इससे पहले जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। सत्तारूढ़ एनडीए में प्रमुख भागीदार बीजेपी भी इस प्रकार के मुद्दे उठाकर पीछे नहीं रहना चाहती है।
नरेंद्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कुछ दिनों पहले बीजेपी और जेडीयू में जमकर घमासान हुआ था। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे थे कि दोनों दलों का गठबंधन टूट जाएगा। बीजेपी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के एक दिन बाद 15 अप्रैल, 2013 को अपना कार्यक्रम रखा है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी अब दलितों को लुभाने की रणनीति अपनाएगी।
राजनीतिक गलियारों में जेडीयू के अधिकार यात्रा अभियान को बिहार में लोकसभा की 40 सीटों पर तैयारी को लेकर देखा जा रहा है। विभिन्न सभाओं में नीतीश कुमार के बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी ने भी बीते दिनों कहा था कि वह 40 लोकसभा सीटों और 243 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर सांगठनिक स्तर पर तैयारी कर रही है। विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस भी बयानबाजी कर रहे हैं कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अधिक दिनों तक नहीं चलेगा।
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