बिहार बीजेपी के नोताओं की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
इस साल होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा काफी कुछ दांव पर लगी है। उसे लगता है कि जनता परिवार के विलय से उसे कुछ 'कठिनाई' हो सकती है, लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 'सुशासन मॉडल' के भरोसे वह लालू प्रसाद जैसे नेताओं का सहारा लेने वालों को शिकस्त देने की उम्मीद रखती है।
बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए केंद्र जल्द ही राज्य को विशेष पैकेज देने की घोषणा कर सकता है, जिसका वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट पेश करते समय वादा किया था।
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जनता परिवार और कांग्रेस के एकजुट होने के बावजूद पार्टी को चुनाव में विजय मिलेगी, क्योंकि वहां की जनता कथित रूप से ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था से त्रस्त है और वह बीजेपी से सुशासन, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने की उम्मीद रखती है।
पार्टी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की नई पार्टी 'हिंदुस्तान अवाम मोर्चा' के साथ वह तालमेल या गठबंधन करने को तैयार है।
बीजेपी आरजेडी के पूर्व नेता और सांसद पप्पू यादव से हाथ मिलाने पर हिचक रही है, लेकिन मांझी से तालमेल को तैयार है।
बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए केंद्र जल्द ही राज्य को विशेष पैकेज देने की घोषणा कर सकता है, जिसका वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट पेश करते समय वादा किया था।
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जनता परिवार और कांग्रेस के एकजुट होने के बावजूद पार्टी को चुनाव में विजय मिलेगी, क्योंकि वहां की जनता कथित रूप से ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था से त्रस्त है और वह बीजेपी से सुशासन, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने की उम्मीद रखती है।
पार्टी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की नई पार्टी 'हिंदुस्तान अवाम मोर्चा' के साथ वह तालमेल या गठबंधन करने को तैयार है।
बीजेपी आरजेडी के पूर्व नेता और सांसद पप्पू यादव से हाथ मिलाने पर हिचक रही है, लेकिन मांझी से तालमेल को तैयार है।
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