यह ख़बर 09 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दहेज न मिलने पर बीवी को तीन साल तक शौचालय में रखा कैद, पुलिस ने छुड़ाया

दरभंगा:

बिहार के दरभंगा जिला के विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत रामबाग मोहल्ला स्थित एक मकान से पुलिस ने तीन साल से अपने पति के घर के शौचालय में कैद एक महिला को मुक्त कराया है।

दरभंगा जिला स्थित महिला थाना की प्रभारी सीमा कुमारी ने सोमवार को बताया कि मुक्त कराई गई महिला का नाम गुंजा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुमार एकले से गुंजा के पिता श्याम सुन्दर सिंह द्वारा दहेज की मांग को लेकर उनकी पुत्री को प्रताड़ित किए जाने की शिकायत पर इसकी जांच का जिम्मा महिला थाना प्रभारी सीमा कुमारी को सौंपा था।

मधुबनी जिले के अंधरा थारी थानांतर्गत पटसन गांव की निवासी गुंजा की शादी चार वर्ष पूर्व प्रभाष कुमार सिंह के साथ हुई थी।

सीमा ने बताया कि गुंजा के पति एवं परिवार के लोग दहेज नहीं मिलने के कारण उसे प्रताड़ित करते थे तथा उसे तीन साल की बच्ची से भी नहीं मिलने दिया जाता था।

रिहाई के बाद उसने अपनी तीन वर्षीय पुत्री से मिलने की इच्छा जताई और उनकी बेटी के उन्हें नहीं पहचानने पर रोने लगीं।

सीमा ने बताया कि गुंजा के शादीशुदा होने के बावजूद उसके माथे पर न तो सिंदूर था और न ही पेशानी पर बिंदी थी।

रिहाई के बाद गुंजा ने पुलिस को बताया कि उसे घर के एक शौचालय में बंद कर उसमें ताला जड़ दिया गया था। उसे अपनी बच्ची से मिलने नहीं दिया जाता था और भोजन बहुत कम और समय से नहीं दिया जाता था।

पुलिस ने इस मामले में गुंजा के पति प्रभाष कुमार सिंह, ससुर धीरेन्द्र सिंह एवं सास इन्द्र देवी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद नोटिस देकर छोड़ दिया है।

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महिला थाना प्रभारी सीमा कुमारी ने बताया कि इस मामले का वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी पर्यवेक्षण करेंगे।