बीटिंग रिट्रीट के साथ 73वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन, नई धुनें और ड्रोन शो रहे मुख्‍य आकर्षण

दिल्ली के विजय चौक पर शनिवार को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) के साथ ही 73वें गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day) का समापन हो गया. इस साल यह समारोह कई मायनों में अलग और खास रहा.

नई दिल्‍ली:

दिल्ली के विजय चौक पर शनिवार को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) के साथ ही 73वें गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day) का समापन हो गया. इस साल यह समारोह कई मायनों में अलग और खास रहा. शाम करीब 5:15 शुरू कार्यक्रम में विजय चौक पर थल, वायु, नौसेना और केंद्रीय पुलिस बल के बैंड्स के परफॉर्मेंस हुए.

आपको बता दें कि बीटिंग रिट्रीट समारोह पुरानी सैन्य परंपरा का हिस्सा है. जिसमें सेनाएं शाम ढलने के साथ ही अपने बैरक में चली जाती थीं और झंडे को उतार दिया जाता था. देश में हर वर्ष गणतंत्र दिवस के दौरान जब सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां, हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान गणतंत्र दिवस समारोह के बाद बैरक में लौटती हैं तो तीन दिन बाद यानी 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.

समारोह हर साल 29 जनवरी को मनाया जाता है और यह गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्‍ति का प्रतीक है.

देश की आजादी के 75 साल (आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है) के उपलक्ष्य में समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गईं. इनमें 'केरल', 'हिंद की सेना' और 'ऐ मेरे वतन के लोग' शामिल हैं.

इस आयोजन को और अधिक भारतीय बनाने के प्रयास में रक्षा मंत्रालय ने बीटिंग द रिट्रीट समारोह में देशभक्ति गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को शामिल किया.

समारोह में 'सारे जहां से अच्छा' ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई भजन एबाइड विद मी की जगह ले ली.

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एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो आजादी का अमृत महोत्सव इस साल एक प्रमुख आकर्षण बनकर उभरा.