शहजाद को अन्य धाराओं के तहत भी दोषी पाया गया है और सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा। वहीं, शहजाद के वकील ने कहा है कि वह फैसले से निराश हैं और इसके खिलाफ ऊंची अदालत में अपील करेंगे।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        दिल्ली के बटला हाउस में हुई मुठभेड़ के मामले में स्थानीय अदालत ने आरोपी शहजाद अहमद को इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या और दूसरे पुलिस अधिकारियों पर हमले का दोषी करार दिया है। शहजाद को कई अन्य धाराओं के तहत भी दोषी पाया गया है और सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।
वहीं शहजाद के वकील ने कहा है कि वह फैसले से दुखी और निराश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वह ऊंची अदालत में अपील करेंगे। मुठभेड़ के डेढ़ साल बाद पकड़ा गया शहजाद अहमद ही इस मामले में इकलौता आरोपी था।
एमसी शर्मा की पत्नी का कहना है कि बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताकर कई लोग उनके पति की शहादत पर सवाल उठाते रहे, लेकिन कोर्ट के फैसले से यह साबित हो गया है कि उनके पति की शहादत सच्ची थी।
19 सितंबर, 2008 को पुलिस ने दावा किया था कि बटला हाउस में हुई एक मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे और दो संदिग्ध शहजाद अहमद और आरिज खान भाग निकले। इन सबको उस साल हुए सीरियल धमाकों से जोड़ा गया।
इनमें से शहजाद अहमद को घटना के तकरीबन डेढ़ साल बाद आजमगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। शहजाद पर हत्या के प्रयास मारपीट समेत आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चला।
चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि मुठभेड़ के दौरान शहजाद ने अपने रिवॉल्वर से दो गोलियां चलाई थीं और उसके घर से दो मोबाइल, एक पासपोर्ट और एक लैपटॉप बरामद किया गया, लेकिन शहजाद के वकील के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान शहजाद के मकान नंबर L−18 में होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। इस मुठभेड़ को लेकर सियासी हलकों में काफी सवाल उठे थे।
                                                                        
                                    
                                वहीं शहजाद के वकील ने कहा है कि वह फैसले से दुखी और निराश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वह ऊंची अदालत में अपील करेंगे। मुठभेड़ के डेढ़ साल बाद पकड़ा गया शहजाद अहमद ही इस मामले में इकलौता आरोपी था।
एमसी शर्मा की पत्नी का कहना है कि बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताकर कई लोग उनके पति की शहादत पर सवाल उठाते रहे, लेकिन कोर्ट के फैसले से यह साबित हो गया है कि उनके पति की शहादत सच्ची थी।
19 सितंबर, 2008 को पुलिस ने दावा किया था कि बटला हाउस में हुई एक मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे और दो संदिग्ध शहजाद अहमद और आरिज खान भाग निकले। इन सबको उस साल हुए सीरियल धमाकों से जोड़ा गया।
इनमें से शहजाद अहमद को घटना के तकरीबन डेढ़ साल बाद आजमगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। शहजाद पर हत्या के प्रयास मारपीट समेत आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चला।
चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि मुठभेड़ के दौरान शहजाद ने अपने रिवॉल्वर से दो गोलियां चलाई थीं और उसके घर से दो मोबाइल, एक पासपोर्ट और एक लैपटॉप बरामद किया गया, लेकिन शहजाद के वकील के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान शहजाद के मकान नंबर L−18 में होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। इस मुठभेड़ को लेकर सियासी हलकों में काफी सवाल उठे थे।
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