उत्तराखंड में चार दिन पुरानी कांग्रेस सरकार के गंभीर संकट में फंसने के बीच राज्य में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के लिए दिल्ली रवाना हुए।
सोनिया से उनकी मुलाकात का कार्यक्रम कांग्रेस के 17 विधायकों के शपथ ग्रहण करने से इनकार के एक दिन बाद बना है। इन 17 में से अधिकतर विधायक केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के समर्थक हैं और इन लोगों ने बहुगुणा के मुख्यमंत्री पद पर चयन को लेकर अपना विरोध जताने के लिए शपथ ग्रहण नहीं किया।
वरिष्ठ पार्टी नेता हरक सिंह रावत और इंदिरा हृदयेश भी शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित थे। ऐसा समझा जाता है कि इन दोनों ने भी रावत को अपना समर्थन दिया है। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 32 विधायक हैं तथा तीन निर्दलीय, बसपा के तीन विधायकों तथा यूकेडी के एक विधायक की मदद से पार्टी ने 39 की संख्या पूरी की।
राज्य में मुख्यमंत्री का चयन सत्ताधारी पार्टी में आंतरिक कलह के चलते विलंबित हुआ क्योंकि अलग-अलग धड़े अपने स्वयं के उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे। कई दिन के असमंजस की स्थिति के बाद बहुगुणा ने गत मंगलवार को शपथ ग्रहण कर लिया लेकिन इससे रावत और उनके समर्थक नाराज हो गए।
सोनिया से उनकी मुलाकात का कार्यक्रम कांग्रेस के 17 विधायकों के शपथ ग्रहण करने से इनकार के एक दिन बाद बना है। इन 17 में से अधिकतर विधायक केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के समर्थक हैं और इन लोगों ने बहुगुणा के मुख्यमंत्री पद पर चयन को लेकर अपना विरोध जताने के लिए शपथ ग्रहण नहीं किया।
वरिष्ठ पार्टी नेता हरक सिंह रावत और इंदिरा हृदयेश भी शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित थे। ऐसा समझा जाता है कि इन दोनों ने भी रावत को अपना समर्थन दिया है। 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 32 विधायक हैं तथा तीन निर्दलीय, बसपा के तीन विधायकों तथा यूकेडी के एक विधायक की मदद से पार्टी ने 39 की संख्या पूरी की।
राज्य में मुख्यमंत्री का चयन सत्ताधारी पार्टी में आंतरिक कलह के चलते विलंबित हुआ क्योंकि अलग-अलग धड़े अपने स्वयं के उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे। कई दिन के असमंजस की स्थिति के बाद बहुगुणा ने गत मंगलवार को शपथ ग्रहण कर लिया लेकिन इससे रावत और उनके समर्थक नाराज हो गए।
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