'उन हालात को सुधारने की जरूरत, जिनकी वजह से अवॉर्ड वापसी को मजबूर हुए लोग'

'उन हालात को सुधारने की जरूरत, जिनकी वजह से अवॉर्ड वापसी को मजबूर हुए लोग'

नई दिल्ली:

कुछ लेखकों एवं अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा परोक्ष रूप से नामंजूर कर दिए जाने से बेपरवाह कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उन स्थितियों पर गौर करने और उन्हें सुधारने की जरूरत है, जिसने उन्हें (लेखकों-बुद्धिजीवियों को) ऐसा करने को बाध्य किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'हमें कारणों पर गौर करना होगा। दरअसल वह निश्चितरूप से, इतने आहत हुए होंगे कि पुरस्कार लौटाने को बाध्य हो गए।' उन्होंने कहा, 'इसलिए, वह क्या है, जिसके कारण वे पुरस्कार लौटाने को बाध्य हुए है, इसको देखने और सुधारने की जरूरत है।' उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे जानी-मानी शख्सियतें हैं।

कांग्रेस की यह टिप्पणी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के उस बयान के बाद आई है कि असहमति की अभिव्यक्ति चर्चा के जरिए होनी चाहिए और भावनाओं में बहकर चर्चा करने से तर्क नष्ट हो जाता है। समाज में कुछ घटनाओं से 'संवेदनशील लोगों' के कई बार व्यथित हो जाने को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता का इजहार करने में 'संतुलन' बरते जाने की वकालत की।

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर दिल्ली में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'समाज में कुछ घटनाओं से संवेदनशील लोग कई बार व्यथित हो जाते हैं। लेकिन इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता का इजहार संतुलित होना चाहिए। तर्कों पर भावनाएं हावी नहीं होनी चाहिए और असहमति की अभिव्यक्ति बहस और विचार विमर्श के जरिए होनी चाहिए।'