गुवाहाटी:
असम के कोकराझार जिले के अंदरूनी इलाकों में आज आगजनी की ताजा घटनाएं दर्ज होने पर दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है, जबकि जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रदेश में जातीय हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।
पुलिस ने बताया कि कोकराझार जिले में दिन के वक्त चार और शव बरामद किए गए। कुल 21 मौतों में कोकराझार जिले में 17 मौतें हुई है जबकि पड़ोसी चिरांग जिले में चार लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि फकीरग्राम, सेरफानगुड़ी, नाराबाड़ी, गोसाईंगांव, दोतोमा, मोकराजन और तुलसीबाड़ी इलाके में आगजनी की ताजा घटनाएं दर्ज की गई है। यहां बदमाशों ने खाली किए जा चुके मकानों को फूंक दिया। अंदरूनी इलाके में आगजनी होने के बाद सेना ने फ्लैग मार्च किया। खासतौर पर उन मकानों में आगजनी की गई है, जहां से ग्रामीण दहशत के चलते भाग गए थे।
सेना और पुलिस ने जोयपुर के 400 सशस्त्र अल्पसंख्यक प्रवासियों को उस वक्त रोक दिया जब वे कोकराझार शहर की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाई। एक अन्य घटना में बदमाशों ने सप्तग्राम में बोडोलैंड लिबरेशन टाइगर्स के एक शिविर को आग के हवाले कर दिया।
कोकराझार जिले में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है जबकि चिरांग और धुबरी जिले में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। कोकराझार और धुबरी में सेना तैनात की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की करीब 18 कंपनियों को निचले असम में तैनात किया गया है। कोकराझार और चिरांग जिला प्रशासन में मौजूद सूत्रों ने बताया कि विभिन्न राहत शिविरों में 50,000 से अधिक ग्रामीण शरण लिए हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोकराझार जिले में करीब 40,000 पीड़ितों ने 35 राहत शिविरों में शरण ली है।
पुलिस ने बताया कि कोकराझार जिले में दिन के वक्त चार और शव बरामद किए गए। कुल 21 मौतों में कोकराझार जिले में 17 मौतें हुई है जबकि पड़ोसी चिरांग जिले में चार लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि फकीरग्राम, सेरफानगुड़ी, नाराबाड़ी, गोसाईंगांव, दोतोमा, मोकराजन और तुलसीबाड़ी इलाके में आगजनी की ताजा घटनाएं दर्ज की गई है। यहां बदमाशों ने खाली किए जा चुके मकानों को फूंक दिया। अंदरूनी इलाके में आगजनी होने के बाद सेना ने फ्लैग मार्च किया। खासतौर पर उन मकानों में आगजनी की गई है, जहां से ग्रामीण दहशत के चलते भाग गए थे।
सेना और पुलिस ने जोयपुर के 400 सशस्त्र अल्पसंख्यक प्रवासियों को उस वक्त रोक दिया जब वे कोकराझार शहर की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाई। एक अन्य घटना में बदमाशों ने सप्तग्राम में बोडोलैंड लिबरेशन टाइगर्स के एक शिविर को आग के हवाले कर दिया।
कोकराझार जिले में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है जबकि चिरांग और धुबरी जिले में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। कोकराझार और धुबरी में सेना तैनात की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की करीब 18 कंपनियों को निचले असम में तैनात किया गया है। कोकराझार और चिरांग जिला प्रशासन में मौजूद सूत्रों ने बताया कि विभिन्न राहत शिविरों में 50,000 से अधिक ग्रामीण शरण लिए हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोकराझार जिले में करीब 40,000 पीड़ितों ने 35 राहत शिविरों में शरण ली है।
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