गुवाहाटी:
असम में बाढ़ और उससे जुड़ी दुर्घटनाओं से मरने वाले लोगों की संख्या 117 हो गई है और ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदियों में अब भी पानी खतरे के स्तर से ऊपर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 101 लोग बाढ़ और 16 लोग भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए हैं, जबकि 16 लोग अभी भी लापता हैं।
ऐसा अनुमान है कि राज्य में हाल के वर्षों में आई सबसे भयानक बाढ़ से लगभग 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के 28 में से 27 जिलों के दो हजार 809 गांवों में बाढ़ से काफी नुकसान पहुंचा है।
सूत्रों का कहना है कि बाढ़ के कारण विश्व प्रसिद्ध काजिरंगा राष्ट्रीय उद्यान को भी काफी नुकसान हुआ है और 13 गैंडों समेत कुल 540 जानवर मारे गए हैं।
असम में मौजूद विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप मजूली में स्थिति और भी बदतर है और लगभग इस पूरे द्वीप के पानी में डूब जाने से यहां 75 से भी अधिक परिवार बेघर हुए हैं। खबरों के अनुसार लगभग पांच लाख लोगों ने 630 राहत शिविरों में पनाह ली है और 150 स्वास्थ्य टीमों को राहत कार्यों में लगाया गया है।
ऐसा अनुमान है कि राज्य में हाल के वर्षों में आई सबसे भयानक बाढ़ से लगभग 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के 28 में से 27 जिलों के दो हजार 809 गांवों में बाढ़ से काफी नुकसान पहुंचा है।
सूत्रों का कहना है कि बाढ़ के कारण विश्व प्रसिद्ध काजिरंगा राष्ट्रीय उद्यान को भी काफी नुकसान हुआ है और 13 गैंडों समेत कुल 540 जानवर मारे गए हैं।
असम में मौजूद विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप मजूली में स्थिति और भी बदतर है और लगभग इस पूरे द्वीप के पानी में डूब जाने से यहां 75 से भी अधिक परिवार बेघर हुए हैं। खबरों के अनुसार लगभग पांच लाख लोगों ने 630 राहत शिविरों में पनाह ली है और 150 स्वास्थ्य टीमों को राहत कार्यों में लगाया गया है।
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