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This Article is From Jul 13, 2018

ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर 'फोटोग्राफी निषेध' से मिली छुट्टी, पीएम मोदी की वजह से अब ऐसे आप खूब ले सकेंगे फोटो

अगर आप आप भारत के ऐतिहासिक धरोहरों को देखने जाते हैं, मगर उसे याद के रूप में अपने कैमरे में संजो कर नहीं रख पाते हैं तो अब उदास होने की जरूरत नहीं है

ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर 'फोटोग्राफी निषेध' से मिली छुट्टी, पीएम मोदी की वजह से अब ऐसे आप खूब ले सकेंगे फोटो
पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अगर आप आप भारत के ऐतिहासिक धरोहरों को देखने जाते हैं, मगर उसे याद के रूप में अपने कैमरे में संजो कर नहीं रख पाते हैं तो अब उदास होने की जरूरत नहीं है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने केन्द्र सरकार द्वारा संरक्षित पुरातत्व महत्व के धरोहर स्थलों के परिसर में फोटोग्राफी की मंजूरी दे दी है. यानी अब आपको परिसरों में फोटोग्राफी निषेध के बोर्ड नहीं दिखेंगे और आप खूब सारी तस्वीरें खींच सकते हैं. बता दें कि धरोहर स्थलों पर फोटोग्राफी निषेध जैसे नियम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है. 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने केन्द्र सरकार द्वारा संरक्षित पुरातत्व महत्व के तीन धरोहर स्थलों  को छोड़ कर सभी पर फोटो खींचने की अनुमति दे दी है. मसलन, ताजमहल, अंजता की गुफाएं और लेह पैलेस को छोड़कर टूरिस्ट अब हर जगह फोटो खींच सकते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से भारत की पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण में हिस्सेदारी की अपील की, साथ ही उन नियमों पर सवाल उठाया जो लोगों को कुछ धरोहरों की तस्वीरें लेने से रोकते हैं.

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केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने ट्वीट किया कि 'आज सुबह पीएम मोदी के विजन से प्रेरणा और मार्गरदर्शन लिया. अब अजंता की गुफाएं, लेह पैलेस और ताजमहल के मकबरे को छोड़कर केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित सभी पुरातत्व महत्व के धरोहर स्थलों में फोटोग्राफी की अनुमति होगी. ' बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) 3,686 प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों, और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है. 

इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युवाओं को पर्यटन गाइड के तौर पर प्रशिक्षित करने से न केवल रोजगार सृजन में मदद मिलेगी बल्कि इससे पुरातात्विक स्थलों के प्रति लोगों में रूचि जगेगी. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नव निर्मित मुख्यालय भवन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि देश में पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण एवं सुरक्षा प्रदान करने में लोगों की भागीदारी जरूरी है. 

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उन्होंने कहा, ‘अगर लोगों में अपनी धरोहरों के प्रति गर्व का भाव नहीं होगा, तब उनकी सुरक्षा नहीं की जा सकेगी. इस कार्य से कारपोरेट क्षेत्र को भी जोड़ा जा सकता है जहां लोग स्वेच्छा से कुछ घंटे का योगदान कर सकते हैं .’ पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि ऐतिहासिक स्थलों वाले 100 शहरों में स्कूलों के पाठ्यक्रम में स्थानीय पुरातात्विक स्थलों के बारे में जानकारी शामिल की जा सकती है ताकि छात्रों को इनके बारे में पढ़ने को मिल सके. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि एएसआई क्यों कुछ धरोहर स्थलों पर लोगों को फोटो खींचने से मना करता है. उन्होंने कहा कि जब प्रौद्योगिकी के उपयोग से उपग्रह के जरिये दूर से फोटो ली जा सकती है तब लोगों को इस तरह से फोटो खींचने से मना करना सही नहीं है.

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