विज्ञापन
This Article is From Oct 30, 2021

आर्यन खान आजाद, ड्रग्स केस में 28 दिनों की कैद के बाद आज ली खुली हवा में सांस

आर्यन खान की रिहाई के लिए दस्तावेज शनिवार सुबह 5.30 बजे जमानत पत्र पेटी में डाले गए. इसके साथ ही कागजी कार्रवाई पूरी हो गई. इसके बाद कुछ ही घंटों में आर्यन खान की जेल से रिहाई हो गई. 

आर्यन खान केस : आर्यन खान की मुंबई की आर्थर रोड जेल से ड्रग्स केस में रिहाई

मुंबई:

आर्यन खान (Aryan Khan Released) मुंबई क्रूज शिप ड्रग्स केस (Mumbail Cruise drugs Case) में 28 दिनों की कैद के बाद ऑर्थर रोड जेल (Mumbai arthur Road jail) से शनिवार को रिहा हो गए. आर्यन खान की रिहाई के लिए दस्तावेज शनिवार सुबह 5.30 बजे जमानत पत्र पेटी में डाले गए. इसके साथ ही कागजी कार्रवाई पूरी हो गई. इसके बाद कुछ ही घंटों में आर्यन खान की जेल से रिहाई हो गई. समय पर ऑर्थर रोड जेल की पेटी में जमानत के कागज न पहुंचने के चलते वे शुक्रवार को रिहा नहीं हो पाए थे. अब ऑर्थर रोड जेल की जमानत पेटी सुबह 5:30 बजे खुली थी.

आर्यन खान की जमानत पेपर्स सुबह 5:30 बजे जेल की पेटी में जमा करा दिए गए और कुछ घंटों की जेल मैनुअल की प्रक्रिया के बाद सुबह 10-10.30 बजे के आसपास आर्यन खान ऑर्थर रोड जेल से बाहर आ सकते हैं. ऑर्थर रोड के जेल के सुपरिटेंडेंट ने शुक्रवार देर शाम को NDTV को बताया था कि जमानत पेटी बंद हो चुकी है और अब सुबह ही खुलेगी. सभी के लिए नियम समान हैं और कल ही कुछ संभव हो सकता है. 

ड्रग्स केस में गुरुवार को आर्यन खान और दो अन्य आरोपी अरबाज मर्चेंट व मुनमुन धमेचा को बांबे हाईकोर्ट से गुरुवार को जमानत मिली थी. वहीं, कोर्ट में 1 लाख रुपये का बॉन्ड भरकर के बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला आर्यन खान की जमानतदार बनी थीं. शुक्रवार को आर्यन खान के वकीलों ने जेल से रिहाई के लिए सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कीं. हाईकोर्ट से आर्यन खान को जमानत करीब 14 शर्तों के साथ मिली है. सबसे पहले उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना है. दूसरे में उन्हें हर शुक्रवार को NCB ऑफिस जाकर हाजिरी देनी है.

शर्तों के मुताबिक आर्यन मुंबई छोड़कर कोई और शहर नहीं जा सकते हैं, अगर वो किसी स्थिति में जाना चाहें तो उन्हें सबसे पहले जांच अधिकारियों से इजाजत लेनी होगी. चौथा- वो देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं, उसके लिए उन्हें अदालत से इजाजत लेनी होगी. पांचवां- इस केस के संबंध में उन्हें मीडिया से बात नहीं करनी है.

छठे शर्त में- वो इस केस से जुड़े अन्य लोगों से संपर्क नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं करनी है, फिर भी अगर वो इस तरह की किसी गतिविधि में पाए जाते हैं या फिर किसी शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो जांच अधिकारी यानी की एनसीबी के अधिकारी उनकी जमानत खारिज कराने के लिए अदालत जा सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com