मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भ्रष्टाचार-विरोधी हेल्पलाइन शुरू करने के तीन दिन बाद एक वेंडर द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन की मदद से सतर्कता विभाग ने जबरन वसूली के आरोप में शनिवार को दो कांस्टेबलों को गिरफ्तार कर लिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि जनकपुरी पुलिस थाने में तैनात ईश्वर सिंह और संदीप कुमार नाम के दो कांस्टेबलों को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों की ओर से उसी इलाके में एक बिजली वितरण कंपनी के दफ्तर के पास बिछाए गए जाल के बाद गिरफ्तार किया गया।
कुमार ने कहा कि जनकपुरी इलाके में स्वेटर बेचने वाले एक व्यक्ति ने हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर कहा था कि दोनों कांस्टेबल उससे 'हफ्ता' (जबरन वसूली) मांगते थे। उन्होंने कहा, उसने एक स्टिंग ऑपरेशन किया और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को दिया, जिसके बाद जाल बिछाया गया और कांस्टेबलों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, इस बात की पुष्टि के लिए जांच शुरू कर दी गई है कि कहीं पुलिस थाने का कोई वरिष्ठ अधिकारी भी तो इसमें शामिल नहीं है।
एक गैर-सरकारी संगठन से जुड़े इस स्वेटर व्यापारी से पिछले महीने भी इन दोनों कांस्टेबलों ने कथित तौर पर 3,000 रुपये वसूले थे और वे फिर से इस धनराशि की मांग कर रहे थे। हेल्पलाइन से शिकायत के बाद शुक्रवार को संसद मार्ग स्थित सहकारी समूह आवासीय सोसाइटी के एक सहायक रजिस्ट्रार के मातहत काम करने वाले एक कर्मी को कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था । हालांकि, सहायक रजिस्ट्रार मौके से फरार हो गया था। अरविंद केजरीवाल ने कहा था, जब भी उसका पता चलेगा, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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