नई दिल्ली:
इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि पार्टी बनाने का फैसला उनका नहीं खुद अन्ना हज़ारे का था, लेकिन बाद में इस फैसले से वह पीछे हट गए… बिना कोई कारण बताए। तहलका को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह बयान दिया है।
केजरीवाल का कहना है... 'मैं धर्मसंकट में फंस गया हूं, एक तरफ मेरा देश है दूसरी तरफ अन्ना हैं। मैं किसको चुनूं... शुरुआत अन्ना की थी लेकिन बाद में वह ही पीछे हट गए।
केजरीवाल के मुताबिक जब उन्होंने कंस्टीट्यूशन क्लब की बैठक में अन्ना को राजनीतिक पार्टी के मसले पर हुए बदलाव को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि '...उनका जवाब था कि पहले मैं वह कह रहा था अब यह कह रहा हूं। जब पहले मेरी बात मान ली थी तो अब भी मान लो।'
इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल के मुताबिक राजनीतिक पार्टी बनाने का सुझाव सबसे पहली बार जनवरी में अन्ना की ओर से ही आया था जब वह अस्पताल में थे उन्होंने बाकायदा नाम भी चुन रखा था 'भ्रष्टाचार मुक्त भारत'। और आखिर में पार्टी को लेकर जो सर्वे कराए गए वह भी अन्ना का ही सुझाया रास्ता था।
केजरीवाल का कहना है... 'मैं धर्मसंकट में फंस गया हूं, एक तरफ मेरा देश है दूसरी तरफ अन्ना हैं। मैं किसको चुनूं... शुरुआत अन्ना की थी लेकिन बाद में वह ही पीछे हट गए।
केजरीवाल के मुताबिक जब उन्होंने कंस्टीट्यूशन क्लब की बैठक में अन्ना को राजनीतिक पार्टी के मसले पर हुए बदलाव को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि '...उनका जवाब था कि पहले मैं वह कह रहा था अब यह कह रहा हूं। जब पहले मेरी बात मान ली थी तो अब भी मान लो।'
इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल के मुताबिक राजनीतिक पार्टी बनाने का सुझाव सबसे पहली बार जनवरी में अन्ना की ओर से ही आया था जब वह अस्पताल में थे उन्होंने बाकायदा नाम भी चुन रखा था 'भ्रष्टाचार मुक्त भारत'। और आखिर में पार्टी को लेकर जो सर्वे कराए गए वह भी अन्ना का ही सुझाया रास्ता था।
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