सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीरी युवक को जानने की जरूरत है कि उन्हें आज़ादी नहीं मिलेगी और आप सेना से नहीं लड़ सकते. एक अंग्रेजी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा कि आज़ादी सिर्फ एक कहावत के जैसी है और कश्मीर के लोगों को ये जान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में आतंकवादियों को ढेर करना सेना को अच्छा नहीं लगता, लेकिन आतंकी लड़ाई करेंगे तो हम पूरी मजबूती से उनका जवाब देंगे.
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आपको बता दें कि इससे पहले श्रीनगर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक की, जिसमें रमज़ान के दौरान आतंकवादियों के साथ संघर्ष विराम की केंद्र से सिफ़ारिश की गई. हालांकि सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की इस मांग पर अमल के लिए तैयार नहीं होगी. सरकार को लगता है कि ऐसा करना सरकार की कमज़ोरी समझी जाएगी.
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बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे साल 2000 में वाजपेयी जी ने एकतरफ़ा सीजफायर की नीति अपनाई थी, उसी तरह इस सरकार को भी सोचना चाहिए. आतंकियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई से आम लोगों को ख़ासी समस्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई (सभी दल) सहमत हैं कि हमें (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी के समय में एकतरफा संघर्षविराम बनाए रखने की तरह केंद्र से संघर्षविराम पर विचार करने की अपील करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम से लोगों को राहत और राज्य में बेहतर माहौल बनाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों से हिंसा और खून-खराबे के चक्रव्यूह से राज्य को निजात दिलाने के मिशन से जुड़ने की अपील की.
VIDEO: आतंक की ओर क्यों खिंच रहे कश्मीरी युवा?
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आपको बता दें कि इससे पहले श्रीनगर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक की, जिसमें रमज़ान के दौरान आतंकवादियों के साथ संघर्ष विराम की केंद्र से सिफ़ारिश की गई. हालांकि सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की इस मांग पर अमल के लिए तैयार नहीं होगी. सरकार को लगता है कि ऐसा करना सरकार की कमज़ोरी समझी जाएगी.
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बैठक के बाद महबूबा ने कहा कि सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे साल 2000 में वाजपेयी जी ने एकतरफ़ा सीजफायर की नीति अपनाई थी, उसी तरह इस सरकार को भी सोचना चाहिए. आतंकियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई से आम लोगों को ख़ासी समस्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई (सभी दल) सहमत हैं कि हमें (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी के समय में एकतरफा संघर्षविराम बनाए रखने की तरह केंद्र से संघर्षविराम पर विचार करने की अपील करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम से लोगों को राहत और राज्य में बेहतर माहौल बनाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों से हिंसा और खून-खराबे के चक्रव्यूह से राज्य को निजात दिलाने के मिशन से जुड़ने की अपील की.
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