राज्यसभा में बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल चर्चा के लिए पेश किया गया. बिल पर चर्चा के दौरान सदन में काफी घमासान देखने को मिला. टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जो देश के लोग हैं उनका आप ख्याल रख नहीं रहे हैं और दूसरे के सम्मान की बात कर रहे हैं? बंगाल कोई गुजरात नहीं है. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वादा करने में ज्यादा वादा तोड़ने में यह सरकार शानदार है. सरकार कहती है कि इस बिल को लेकर चिंता करने का कोई कारण है लेकिन मैं कहता हूं चिंता करने का कारण है. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी के समय कहा कि आप मुझे 50 दिन दे दीजिए अगर हालात ठीक नहीं हुए तो आप मुझे सार्वजनिक जगह पर सजा दे दीजिएगा. लेकिन वो नहीं हुआ. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि ये लोग झूठ बोलते हैं. जो कहते हैं वो नहीं करते, इसलिए इस बिल पर चिंता का कारण है.
इससे पहले बीजेपी के जेपी नड्डा ने बिल के समर्थन में अपना पक्ष रखा. उन्होंने आनंद शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे वकील जिनके पास तर्क नहीं होते हैं वो मुद्दे की जगह दूसरी बातों का जिक्र करते रहते हैं. गांधी, सावरकर ने क्या कहा उससे ज्यादा जरूरी है इस बिल पर बात कीजिए. जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र भी किया जिसमें उन्होंने वहां से आए शणार्थियों की स्थिति के विषय में सदन में कहा था.
बिल के विरोध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस नागरिकता संशोधन बिल से पूरे देश में असुरक्षा की भावना भर गई है. लोगों के मन में आशंका है. अगर ऐसा है तो क्या पूरे भारत में डिटेंशन सेंटर बनेंगे? यह अन्याय होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यहां पुर्नजन्म पर विश्वास किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल अगर मोदी जी से मिलेंगे तो काफी नाराज होंगे. आनंद शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि गांधी जी का चश्मा सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं है.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गृहमंत्री से किया सवाल- क्या पूरे भारत में डिटेंशन सेंटर बनेंगे?
आनंद शर्मा ने सदन में बिल के विरोध में अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. संविधान की प्रस्तावना में ही धर्मनिरपेक्षता का जिक्र है, यह उस मूल भावना के भी खिलाफ है. अपने भाषण के दौरान आनंद शर्मा ने महात्मा गांधी का जिक्र किया और कहा कि उनका कहना था कि मेरा घर ऐसा हो जहां कोई दीवार न हो, जहां सभी धर्म के अनुयायी हो.
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पेश करते हुए कहा कि यह बिल देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे तीनों पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान इस्लामिक देश है. वहां मुस्लिम बहुलसंख्यक हैं. इसलिए जो नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया है उसमें हिंदू, सिख, जैन, बौध, पारसी और ईसाई को भारत की नागरिकता देने की बात की गई है. इस बिल के पास होने से इन समुदायों के लोगों को जो कि 31 दिसंबर, 2014 से पहले यहां रह रहे हैं उनको भारत की नागरिकता मिल जाएगी. जो नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं उनको मुक्ति मिल जाएगी.
अमित शाह के बिल पेश के करने के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस बिल के विरोध में सदन में अपना पक्ष रखा. बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने बिल के पक्ष में बोला जबकि टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बिल के विरोध में पार्टी का पक्ष रखा.
Video: मुस्लिम इस देश के नागरिक थे, हैं और रहेंगे: अमित शाह
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