यह ख़बर 22 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल का न्योता ठुकराया

खास बातें

  • अरविंद केजरीवाल से उनके अनिश्चितकालीन उपवास में शामिल होने के लिए न्योता मिलने के कई दिन बाद गुरुवार को अन्ना हजारे ने कहा कि वह प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि उनका दलगत राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
नई दिल्ली:

अरविंद केजरीवाल से उनके अनिश्चितकालीन उपवास में शामिल होने के लिए न्यौता मिलने के कई दिन बाद गुरुवार को अन्ना हजारे ने कहा कि वह प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि उनका दलगत राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

जालियांवाला बाग से 31 मार्च से अपनी राष्ट्रव्यापी यात्रा शुरू करने की घोषणा करने के लिए यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के शुरू में केजरीवाल उनके पास आए थे और उपवास से पहले उनका आशीर्वाद मांगा था तथा आने का न्यौता दिया था।

हजारे ने कहा, ‘‘हम पहले ही कह चुके हैं कि हम किसी दल के साथ नहीं हैं और हम चुनाव लड़ने नहीं जा रहे। मैं 23 मार्च को (केजरीवाल के उपवास में) नहीं जा रहा।’’ सोमवार को रालेगण सिद्धि में हजारे से भेंट करने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि इस सप्ताहांत केा सुंदर नगरी में उनके प्रदर्शन में शामिल होने पर वह सहमत हो गए हैं।

जब हजारे से पूछा गया कि क्या वह 23 मार्च के बाद जाएंगे तब उन्होंने कहा कि यदि उनके पास समय रहा तो वह देखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य लोगों से बातचीत करने में कोई बुराई नहीं है।’’

हजारे और पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने कहा कि जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ता व्यवस्था में संपूर्ण बदलाव लाने की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 31 मार्च को जालियांवाला बाग से राष्ट्रव्यापी यात्रा शुरू करेंगे। पंजाब और हरियाणा होते हुए यात्रा का पहला चरण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 17 अप्रैल को समाप्त होगा।

हजारे ने कहा कि इस दौरान तीन राज्यों में 34 सभाएं होगीं। सिंह ने कहा कि पहले चरण के बाद 13 दिन का अंतराल होगा और फिर उसके बाद यात्रा चालू होगी एवं इस दौरान राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड जनसभाएं की जाएंगी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नेताओं पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘‘निहित स्वार्थी तत्व की वजह से संसद में प्रदर्शन होते हैं।’’