नई दि्ल्ली:
अन्ना हजारे राजनैतिक पार्टी बनाने के खिलाफ थे। 'इंडियन एक्सप्रेस' और 'जनसत्ता' अखबारों में छपी खबर के मुताबिक अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए किसी राजनैतिक दल के गठन के फैसले से सहमत नहीं थे।
यह बात अन्ना ने टीम के सदस्यों के सामने भी रखी थी। टीम अन्ना के इस फैसले से संतोष हेगड़े और श्री श्री रविशंकर भी नाखुश थे। अन्ना का समर्थन करने वाले कई सामाजिक संगठन भी राजनैतिक पार्टी बनाने के फैसले से सहमत नहीं थे।
अन्ना के करीबी सूत्र के मुताबिक जब टीम अन्ना के अनशन का कोई नतीजा निकलता नहीं दिखाई दे रहा था, तब टीम ने लड़ाई को जिंदा रखने के लिए राजनैतिक विकल्प की जरूरत बताई। अन्ना पार्टी बनाने के हक में नहीं थे और उन्होंने कहा था कि यह समय आंदोलन को छोड़ने का नहीं है।
यह बात अन्ना ने टीम के सदस्यों के सामने भी रखी थी। टीम अन्ना के इस फैसले से संतोष हेगड़े और श्री श्री रविशंकर भी नाखुश थे। अन्ना का समर्थन करने वाले कई सामाजिक संगठन भी राजनैतिक पार्टी बनाने के फैसले से सहमत नहीं थे।
अन्ना के करीबी सूत्र के मुताबिक जब टीम अन्ना के अनशन का कोई नतीजा निकलता नहीं दिखाई दे रहा था, तब टीम ने लड़ाई को जिंदा रखने के लिए राजनैतिक विकल्प की जरूरत बताई। अन्ना पार्टी बनाने के हक में नहीं थे और उन्होंने कहा था कि यह समय आंदोलन को छोड़ने का नहीं है।
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