
आईएसी के संस्थापक अन्ना हजारे ने शनिवार को आईएसी संगठन के लिए दावा ठोका। अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के रास्ते पिछले सितंबर से अलग हो गए थे। इसके बाद यह सवाल उठता रहा है कि यह संगठन केजरीवाल के पास रहेगा अथवा अन्ना हजारे के पास।
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महाराष्ट्र सदन में हजारे ने एक संवादाता सम्मेलन में कहा, "आंदोलन अक्टूबर 2010 में शुरू किया गया था और उस वक्त अरविंद सदस्य थे लेकिन दो महीने पहले उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया है।"
हजारे ने कहा, "भ्रष्टाचार के खिलाफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन मैंने शुरू किया था।"
केजरीवाल ने कहा है कि वह अपने भ्रष्टाचार के आंदोलन में आईएसी के नाम का उपयोग नहीं करेंगे।
केजरीवाल ने कहा, "वह (अन्ना) मेरे गुरु हैं। मैंने उनसे प्रतिदिन बात करता हूं। अगर वह मुझसे आईएसी के नाम का उपयोग नहीं करने के लिए कहेंगे तो मैं उसका उपयोग नहीं करूंगा।"
आईएसी की पूर्व सदस्य किरण बेदी ने कहा, "अरविंद ने आईएसी को छोड़ा है इसीलिए उन्हें अपने आंदोलन के लिए नया नाम रखना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे से अलग होने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि वे राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।
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