आप नेता अंजलि दमानिया ने गिनाई योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से हटाने की वजहें

नई दिल्ली:

'मैं जनवरी के महीने में प्रशांत भूषण से मिलने उनके घर गई थी, उन्होंने मुझसे कहा कि मैं चाहता हूं पार्टी दिल्ली चुनाव हार जाए'। किसी आप नेता ने पहली बार औपचारिक रूप से ये बताया कि आखिर किस आरोप के तहत योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की पीएसी से बाहर निकाला गया।

आप नेता अंजलि दमानिया ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए बताया कि प्रशांत भूषण ने उनसे खुद कहा था कि वो चाहते हैं कि पार्टी दिल्ली में चुनाव हार जाए। यही नहीं अंजलि ने कहा कि जब मैं उनके घर गई थी तो एक महिला बाहर आई हुई थी और प्रशांत से पूछ रही थी कि वो कुछ वालंटियर्स के साथ दिल्ली में चुनाव प्रचार में शामिल होना चाहती हैं और प्रशांत से सुझाव मांग रही थीं तो प्रशांत ने सबके सामने कहा कि "मैं खुद प्रचार नहीं कर रहा तो आप क्यों आ रहे है? कोई ज़रूरत नहीं आने की।''

अंजलि ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ये तय हुआ था कि कोई इस बारे में बाहर मीडिया से बात नहीं करेगा, लेकिन इस बात का पालन केवल कुछ लोग कर रहे हैं और बाकी सब इंटरव्यू दे रहे हैं या ब्लॉग लिख रहे हैं। इसलिए उनको सामने आना पड़ा।

अंजलि ने कहा कि योगेंद्र यादव ने बार बार मना करने के बावजूद चिट्ठियां लीक कीं, मीडिया में खबरें प्लांट कराई और इसलिए उनपर भी कार्रवाई हुई।

अंजलि ने खुलासा किया कि इस मुद्दे पर जून में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दोनों पक्षों में जमकर झगड़ा हुआ। अंजलि ने आरोप लगाया कि योगेंद्र-प्रशांत ने मिलकर अरविंद केजरीवाल को इतना टॉर्चर किया कि बैठक के बीच में ही अरविंद केजरीवाल रो पड़े।

अंजलि ने कहा कि अगर पार्टी का कार्यकर्ता ऐसा पार्टी विरोधी काम करता तो क्या उसके बख्शा जाता? अगर नहीं तो इन दोनों को क्यों बख्शा जाए। इसलिए पार्टी ने उन दोनों पर अनुशानात्मक कार्रवाई की।

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अंजलि ने ये भी माना कि पार्टी को अब सामने आकर जनता के बताना चाहिए कि मीटिंग में क्या हुआ और आखिर क्यों ये फैसला लिया गया।