
अमित शाह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने वंशवादी राजनीति की निंदा करने के लिए रविवार को प्राचीन काल के दार्शनिक चाणक्य का हवाला दिया. उन्होंने यहां रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी (आरएमपी) में 12 वां रामभाऊ म्हालगी व्याख्यान देते हुए कहा कि चाणक्य ने करीब 2300 साल पहले वंशवाद की राजनीति की निंदा की थी और उनका दर्शन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अब भी प्रासंगिक है. उन्होंने परिप्रेक्ष्य में आर्य चाणक्य का जीवन और उनका कार्य विषय पर अपने संबोधन में कहा कि शासकों के बारे में जहां तक चाणक्य की सोच की बात है तो उन्होंने साम्राज्य चलाने में वंशवाद के विचार का विरोध किया था.
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शाह ने कहा कि जरूरी नहीं है कि अक्षम वरिष्ठ को साम्राज्य के शासन की बागडोर दे दी जाए. सबसे योग्य , भले ही वह छोटा क्यों न हो , को साम्राज्य चलाने देना चाहिए. शाह ने कहा कि (चाणक्य के अनुसार) यदि शासक का एकमात्र पुत्र है और वह साम्राज्य का शासन चलाने में समर्थ न हो तो मंत्रिमंडल को सक्षम को चुनना चाहिए. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी खास व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.
VIDEO: अमित शाह ने की बैठक.
उन्होंने कहा कि चाणक्य ने पहले ही लिख दिया है कि राजा संविधान का प्रधान सेवक होता है और हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा कि वह प्रधान सेवक हैं. (इनपुट भाषा से)
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उन्होंने कहा कि चाणक्य ने पहले ही लिख दिया है कि राजा संविधान का प्रधान सेवक होता है और हमारे प्रधानमंत्री ने भी कहा कि वह प्रधान सेवक हैं. (इनपुट भाषा से)