भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह... (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों और राज्यसभा के सांसदों की अलग-अलग बैठक बुलाई है. इन बैठकों में मुख्यमंत्रियों से पार्टी संगठन के साथ बेहतर तालमेल करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों और विभिन्न कार्यक्रमों को राज्यों में तेजी से लागू करने के लिए निर्देश भी दिए जाने का एजेंडा है, जबकि राज्यसभा सांसदों से कहा जाएगा कि लोकसभा सांसदों की ही तरह उन्हें भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए जुटना होगा.
शनिवार को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में होने वाली मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी मौजूद रहने की संभावना है. इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर और गोवा के उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री भी उपस्थित रहेंगे.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियो की बैठक कोर ग्रुप की बैठक का दूसरा हिस्सा है. कोर ग्रुप की बैठक में हुई चर्चा की जानकारी पार्टी के मुख्यमंत्रियों को दी जाएगी. उनसे कहा जाएगा कि कोर ग्रुप बनाने के पीछे उद्देश्य सामूहिक फैसले और सामूहिक नेतृत्व है, लिहाजा राज्यों में सरकारों और संगठनों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए.
मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा जाएगा कि उन्हें केंद्र सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए खासतौर से ध्यान देना होगा. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया गया है. मुख्यमंत्रियों से फीडबैक भी लिया जाएगा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई खामी तो नहीं है. अगर इस तरह की खामी पाई जाएगी तो उसे दूर करने के तरीकों पर भी बैठक में विचार किया जाएगा.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में चार नेताओं की एक समिति बनाई है, जिसका काम पार्टी की नीतियों और सरकार के कार्यक्रमों के तेजी से क्रियान्वयन के लिए सुझाव देना है. इस समिति में बीजेपी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, महासचिव अरुण सिंह और सह-संगठन महासचिव सौदान सिंह शामिल हैं.
इस बैठक में सहस्त्रबुद्धे सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में एक प्रजेंटेशन भी देंगे.
अमित शाह ने 31 अगस्त को एनडीएमसी सभागार में पार्टी के राज्यसभा सांसदों की बैठक भी बुलाई है. इसमें सिर्फ राज्यसभा के ही सांसद रहेंगे लोकसभा के नहीं. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. बैठक का उद्देश्य राज्यसभा सांसदों को संगठन के काम से जोड़ना और उनके तथा संगठन के बीच समन्वय को बेहतर करना है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जहां लोकसभा सांसदों पर जिम्मेदारी और अपेक्षाओं का अधिक बोझ होता है वहीं राज्यसभा सांसद पर्दे के पीछे रह कर काम करते हैं. जिन राज्यों की वो नुमाइंदगी करते हैं, वहां पर राज्य सरकार और पार्टी संगठन से बेहतर तालमेल के लिए उन्हें अधिक सक्रिय रहने के लिए कहा जाएगा. सांसद निधि के बेहतर इस्तेमाल के लिए संगठन से समन्वय के लिए कहा जाएगा.
बीजेपी नेताओं के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष ने संगठन के सामाजिक और भौगोलिक विस्तार का खाका तैयार किया है. कोर ग्रुप, मुख्यमंत्रियों और राज्यसभा सांसदों की बैठकों के पीछे एक उद्देश्य इस मिशन में इनका सक्रिय सहयोग लेना भी है.
शनिवार को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में होने वाली मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी मौजूद रहने की संभावना है. इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर और गोवा के उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री भी उपस्थित रहेंगे.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियो की बैठक कोर ग्रुप की बैठक का दूसरा हिस्सा है. कोर ग्रुप की बैठक में हुई चर्चा की जानकारी पार्टी के मुख्यमंत्रियों को दी जाएगी. उनसे कहा जाएगा कि कोर ग्रुप बनाने के पीछे उद्देश्य सामूहिक फैसले और सामूहिक नेतृत्व है, लिहाजा राज्यों में सरकारों और संगठनों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए.
मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा जाएगा कि उन्हें केंद्र सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए खासतौर से ध्यान देना होगा. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया गया है. मुख्यमंत्रियों से फीडबैक भी लिया जाएगा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई खामी तो नहीं है. अगर इस तरह की खामी पाई जाएगी तो उसे दूर करने के तरीकों पर भी बैठक में विचार किया जाएगा.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में चार नेताओं की एक समिति बनाई है, जिसका काम पार्टी की नीतियों और सरकार के कार्यक्रमों के तेजी से क्रियान्वयन के लिए सुझाव देना है. इस समिति में बीजेपी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, महासचिव अरुण सिंह और सह-संगठन महासचिव सौदान सिंह शामिल हैं.
इस बैठक में सहस्त्रबुद्धे सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में एक प्रजेंटेशन भी देंगे.
अमित शाह ने 31 अगस्त को एनडीएमसी सभागार में पार्टी के राज्यसभा सांसदों की बैठक भी बुलाई है. इसमें सिर्फ राज्यसभा के ही सांसद रहेंगे लोकसभा के नहीं. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. बैठक का उद्देश्य राज्यसभा सांसदों को संगठन के काम से जोड़ना और उनके तथा संगठन के बीच समन्वय को बेहतर करना है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जहां लोकसभा सांसदों पर जिम्मेदारी और अपेक्षाओं का अधिक बोझ होता है वहीं राज्यसभा सांसद पर्दे के पीछे रह कर काम करते हैं. जिन राज्यों की वो नुमाइंदगी करते हैं, वहां पर राज्य सरकार और पार्टी संगठन से बेहतर तालमेल के लिए उन्हें अधिक सक्रिय रहने के लिए कहा जाएगा. सांसद निधि के बेहतर इस्तेमाल के लिए संगठन से समन्वय के लिए कहा जाएगा.
बीजेपी नेताओं के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष ने संगठन के सामाजिक और भौगोलिक विस्तार का खाका तैयार किया है. कोर ग्रुप, मुख्यमंत्रियों और राज्यसभा सांसदों की बैठकों के पीछे एक उद्देश्य इस मिशन में इनका सक्रिय सहयोग लेना भी है.
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