केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीबी रोधी दवाओं के निर्यात पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि कोविड-19 के मद्देनजर लागू बंद ने इन दवाओं के उत्पादन पर असर डाला है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि उत्पादन और आपूर्ति मिलने में विलंब की वजह से इन दवाओं की कमी हो सकती है. उन्होंने इस कार्य से जुड़े सरकारी अधिकारियों से अपील की है कि वह टीबी रोधी दवाईयों के निर्यात के लिए फार्मास्यूटिकल विभाग को निर्देश दें.पेयजल एवं स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर को लिखे एक पत्र में उन्होंने बंद की वजह से उत्पादन प्रभावित होने का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसी स्थिति से देश में टीबी मरीजों का इलाज बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है.अय्यर आपूर्ति श्रृंखला और रसद प्रबंधन मुहैया कराने वाले सशक्त समूह के अध्यक्ष भी हैं.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस का टीका और दवा की खोज करने के लिये साइंस और टेक्नोलॉजी की से जुड़े सभी सरकारी विभागों के विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक हाइलेवल टास्क फोर्स का गठन किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को नियमित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुये बताया कि नीति आयोग के सदस्य और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकर, टास्कफोर्स के सह अध्यक्ष होंगे. यह टास्कफोर्स कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा की खोज में अलग अलग मार्चों पर काम कर रहे गुप्स को हर जरूरी मदद मुहैया कराएगा.
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