इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में रविवार को 'दंगाइयों' के होर्डिंग्स मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर (Govind Mathur) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था. अब इस मामले पर कल मतलब सोमवार को अदालत की तरफ से फैसला आएगा. इस मुद्दे पर रविवार को 10 बजे सुनवाई होनी थी जिसे बाद में दिन के 3 बजे कर दिया गया था. सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर कल सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा. एक घंटे की सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से कई सवाल पूछे जिनका जवाब सरकार की तरफ से दिया गया. जिसके बाद अदालत ने फैसले को कल तक के लिए सुरक्षित रखा. अब संभावना है कि सोमवार दोपहर इस मुद्दे पर अदालत की तरफ से फैसला आएगा.
गौरतलब है कि यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt) के उस फैसले से जुड़ा हुआ था, जिसके तहत राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बीते गुरुवार होर्डिंग्स लगा दिया गया था. इन होर्डिंग्स में 53 लोगों के नाम, उनकी तस्वीर और पता दर्ज है. पूर्व आईपीएस अफसर एस.आर. दारापुरी (SR Darapuri) और सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री सदफ जफर (Sadaf Zafar) का भी इसमें नाम है. प्रशासन और पुलिस के मुताबिक, यह लोग पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल थे और प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचे नुकसान की इन लोगों से भरपाई के लिए यह होर्डिंग लगाया गया है.
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बताते चलें कि लखनऊ में लगाए गए इन होर्डिंग्स में एस.आर. दारापुरी और सदफ जफर के अलावा वकील मोहम्मद शोएब, थिएटर आर्टिस्ट दीपक कबीर समेत शहर के कई सम्मानित लोगों के नाम, तस्वीरें और पते दर्ज हैं. सभी लोग जमानत पर बाहर हैं. CAA हिंसा मामले में सरकार की ओर से आरोपियों को भुगतान न करने पर संपत्ति जब्त किए जाने का नोटिस भी मिल चुका है. नोटिस मिलने पर उनका कहना है कि वह संपत्ति जब्त किए जाने संबंधी मामले में वह सरकार के खिलाफ अदालत में लड़ाई लड़ेंगे. सदफ जफर ने होर्डिंग मामले को लेकर NDTV से कहा, 'मैं भाग नहीं रही हूं. ये बेहद निराशाजनक है कि हमारे नाम, तस्वीरें और पते इसमें दर्ज हैं.'
एस.आर. दारापुरी ने कहा, 'ये मैं समझता हूं कि हम लोगों को बदनाम करने और हम लोगों को टारगेट करने के इरादे से हमारे पोस्टर लगाए गए हैं. इसमें हमारी मानहानि भी है और इससे हमारी लाइफ और लिबर्टी भी जुड़ी है, उसको भी बहुत बड़ा खतरा पैदा हुआ है. इस पॉइंट को लेकर हम लोग हाईकोर्ट में चैलेंज करेंगे.' दीपक कबीर ने कहा,'जिस देश में एक विरोध करने के आधार पर आप इतना किसी के पीछे पड़ जाएं, वो हैं न कि तेरा निजाम है सिल दे जुबां शायर की, या निसार मैं तेरी गलियों पे आई वतन की जहां चली है रस्म, कि ना कोई सिर उठा के चले. हमें गिरफ्तार किया गया था. हमारे साथ मारपीट की गई. हमें जेल भेजा गया और फिर हमें जमानत पर रिहा किया गया. हमपर दबाव बनाने का ये नया तरीका है. आपको हमारा पता मालूम है, हमारे पास आपका भेजा नोटिस है तो फिर ये (होर्डिंग्स) क्यों? क्या ये डर पैदा करने के लिए है. अगर हां, तो कैसे कोई सरकार अच्छी सरकार कहला सकती है.'
VIDEO: लखनऊ में 'दंगाइयों' के होर्डिंग्स मामले में आज छुट्टी वाले दिन सुनवाई करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट
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