संसद भवन का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
संसद के मॉनसून सत्र में जारी गतिरोध खत्म करने के प्रसासों के तहत पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सरकार और विपक्षी दलों के बीच संसद में जारी गतिरोध को दूर करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।
इससे पहले इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की। इस बैठक में सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया कि वह विपक्ष की मांग को स्वीकार न करते हुए अपने किसी भी मंत्री को इस्तीफा नहीं देने देगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि सदन के बहस को तैयार होने पर ही पीएम अपना भाषण देंगे।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के अनुसार संसद के मॉनसून सत्र में अब तक कामकाज करीब-करीब ठप्प रहने के बावजूद सरकार को उम्मीद है कि सर्वदलीय बैठक में गतिरोध सुलझ जाएगा, ताकि विपक्ष के उठाए मुद्दों पर चर्चा के लिए रास्ता साफ हो सके।
नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जरूरत पड़ने पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'सोमवार को मैंने सर्वदलीय बैठक बुलाई है और मुझे आशा है कि बैठक सार्थक होगी और हम मुद्दों को सुलझाने में आगे बढ़ने में सक्षम होंगे।' कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्ष ने पूर्व आईपीएल कमिश्नर एवं भगोड़े ललित मोदी की मदद करने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग पर जोर देते हुए संसद की कार्यवाही को बाधित कर दिया है। विपक्ष व्यापमं घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।
गतिरोध को खत्म करने की मांग करते हुए नायडू ने भाजपा के तीनों नेताओं का बचाव करते हुए कहा , 'जहां तक सरकार की बात है, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। कुछ भी गैरकानूनी नहीं है, हमारे किसी भी मंत्री ने कुछ अनैतिक नहीं किया।' उन्होंने कहा कि हम किसी भी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार विपक्ष के विचारों को जगह देने के लिए आगे बढ़ने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि हम किसी भी हद तक किसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार विपक्ष के विचारों को जगह देने के लिए हमेशा ही आगे बढ़ने को तैयार है, बशर्ते कि उनका अनुरोध वाजिब हो।
प्रधानमंत्री कर सकते हैं हस्तक्षेप
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करेंगे? नायडू ने कहा, 'मीडिया में आने वाली खबरों पर जाने की बजाय मुझे विपक्षी पार्टियों से सुनने दीजिए। यदि बहस होगी और यदि जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री हमेशा ही हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने पहले भी हस्तक्षेप किया है।'
नायडू ने विवादास्पद भूमि विधेयक और किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर चर्चा में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप को याद किया। उन्होंने कहा, 'लेकिन पहले मुझे यह समझने दें कि वे प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप आख़िर क्यों चाहते हैं? दूसरे दिन हम पंजाब में आतंकवादी हमला जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन विपक्ष में मौजूद मेरे किसी मित्र के पास उसे भी सुनने का धैर्य नहीं था।'
इससे पहले इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की। इस बैठक में सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया कि वह विपक्ष की मांग को स्वीकार न करते हुए अपने किसी भी मंत्री को इस्तीफा नहीं देने देगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि सदन के बहस को तैयार होने पर ही पीएम अपना भाषण देंगे।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के अनुसार संसद के मॉनसून सत्र में अब तक कामकाज करीब-करीब ठप्प रहने के बावजूद सरकार को उम्मीद है कि सर्वदलीय बैठक में गतिरोध सुलझ जाएगा, ताकि विपक्ष के उठाए मुद्दों पर चर्चा के लिए रास्ता साफ हो सके।
नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जरूरत पड़ने पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'सोमवार को मैंने सर्वदलीय बैठक बुलाई है और मुझे आशा है कि बैठक सार्थक होगी और हम मुद्दों को सुलझाने में आगे बढ़ने में सक्षम होंगे।' कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्ष ने पूर्व आईपीएल कमिश्नर एवं भगोड़े ललित मोदी की मदद करने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग पर जोर देते हुए संसद की कार्यवाही को बाधित कर दिया है। विपक्ष व्यापमं घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।
गतिरोध को खत्म करने की मांग करते हुए नायडू ने भाजपा के तीनों नेताओं का बचाव करते हुए कहा , 'जहां तक सरकार की बात है, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। कुछ भी गैरकानूनी नहीं है, हमारे किसी भी मंत्री ने कुछ अनैतिक नहीं किया।' उन्होंने कहा कि हम किसी भी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार विपक्ष के विचारों को जगह देने के लिए आगे बढ़ने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि हम किसी भी हद तक किसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार विपक्ष के विचारों को जगह देने के लिए हमेशा ही आगे बढ़ने को तैयार है, बशर्ते कि उनका अनुरोध वाजिब हो।
प्रधानमंत्री कर सकते हैं हस्तक्षेप
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करेंगे? नायडू ने कहा, 'मीडिया में आने वाली खबरों पर जाने की बजाय मुझे विपक्षी पार्टियों से सुनने दीजिए। यदि बहस होगी और यदि जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री हमेशा ही हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने पहले भी हस्तक्षेप किया है।'
नायडू ने विवादास्पद भूमि विधेयक और किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर चर्चा में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप को याद किया। उन्होंने कहा, 'लेकिन पहले मुझे यह समझने दें कि वे प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप आख़िर क्यों चाहते हैं? दूसरे दिन हम पंजाब में आतंकवादी हमला जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन विपक्ष में मौजूद मेरे किसी मित्र के पास उसे भी सुनने का धैर्य नहीं था।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
संसद, प्रधानमंत्री, वेंकैया नायडु, सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे, व्यापमं, Sansad, Primeminister, Venkaiyya Naidu, Sushma Swaraj, Vasundhara Raje, Vyapam, Narendra Modi, नरेंद्र मोदी, इस्तीफा