नई दिल्ली:
निर्वाचन आयोग ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से किसी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं आम आदमी पार्टी ने हैकथॉन की मांग की. दिनभर चली सर्वदलीय बैठक के अंत में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम को हैक करने की चुनौती भी दी.
जैदी ने कहा, "आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष कहा है कि भविष्य में जितने भी चुनाव होंगे, उनमें वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा." उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग चुनौती देगा और राजनीतिक पार्टियों को यह साबित करने का मौका देगा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई." सात घंटे तक चली बैठक में सात राष्ट्रीय पार्टियों तथा 35 क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
जैदी ने कहा कि आयोग ने सभी पार्टियों के विचारों को ध्यान से सुना है और आश्वस्त करता है कि उनकी शंकाओं पर विचार किया जाएगा और चुनौती के माध्यम से इसका निराकरण किया जाएगा.
बैठक के दौरान दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग से मांग की कि उसे पांच राज्यों में हालिया विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल में लाए गए ईवीएम दिए जाएं, ताकि वह अपनी बात साबित कर सके.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हैकथॉन की मांग करते हुए कहा, "हमें ईवीएम मुहैया कराइए, हम दिखा देंगे कि उसे कैसे हैक किया जा सकता है. हम यह विधानसभा में दिखा चुके हैं."
कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता के लिए और कदम उठाए जाने की मांग की, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि सभी ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल होना चाहिए. वहीं, भाजपा ने कहा कि मशीन विश्वसनीय हैं.
बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए.
तृणमूल सांसद मुकुल रॉय ने कहा, "ईवीएम बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं हैं और दृढ़तापूर्वक मांग करती है कि आगामी चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल हो."
जनता दल सेक्युलर (जद-एस) तथा जम्मू एवं कश्मीर पैंथर्स पार्टी ने भी मतपत्रों के माध्यम से चुनाव का समर्थन किया.
बैठक में चुनाव सुधार जैसे चुनाव में रिश्वत देने को एक संगीन अपराध बनाने तथा चुनावों में रिश्वतखोरी को लेकर आरोप पत्र दाखिल होने पर अयोग्य ठहराने पर चर्चा हुई.
माकपा के नीलोत्पल बसु ने बाद में कहा कि उम्मीदवार को तभी अयोग्य ठहराया जाना चाहिए, जब कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो और आरोपी को दोषी ठहराया जा चुका हो.
निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक, 16,15,000 वीवीपैट मशीनों की खरीद में 3,173.47 करोड़ की लागत आएगी.
जैदी ने कहा, "आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष कहा है कि भविष्य में जितने भी चुनाव होंगे, उनमें वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा." उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग चुनौती देगा और राजनीतिक पार्टियों को यह साबित करने का मौका देगा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई." सात घंटे तक चली बैठक में सात राष्ट्रीय पार्टियों तथा 35 क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
जैदी ने कहा कि आयोग ने सभी पार्टियों के विचारों को ध्यान से सुना है और आश्वस्त करता है कि उनकी शंकाओं पर विचार किया जाएगा और चुनौती के माध्यम से इसका निराकरण किया जाएगा.
बैठक के दौरान दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग से मांग की कि उसे पांच राज्यों में हालिया विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल में लाए गए ईवीएम दिए जाएं, ताकि वह अपनी बात साबित कर सके.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हैकथॉन की मांग करते हुए कहा, "हमें ईवीएम मुहैया कराइए, हम दिखा देंगे कि उसे कैसे हैक किया जा सकता है. हम यह विधानसभा में दिखा चुके हैं."
कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता के लिए और कदम उठाए जाने की मांग की, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि सभी ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल होना चाहिए. वहीं, भाजपा ने कहा कि मशीन विश्वसनीय हैं.
बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए.
तृणमूल सांसद मुकुल रॉय ने कहा, "ईवीएम बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं हैं और दृढ़तापूर्वक मांग करती है कि आगामी चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल हो."
जनता दल सेक्युलर (जद-एस) तथा जम्मू एवं कश्मीर पैंथर्स पार्टी ने भी मतपत्रों के माध्यम से चुनाव का समर्थन किया.
बैठक में चुनाव सुधार जैसे चुनाव में रिश्वत देने को एक संगीन अपराध बनाने तथा चुनावों में रिश्वतखोरी को लेकर आरोप पत्र दाखिल होने पर अयोग्य ठहराने पर चर्चा हुई.
माकपा के नीलोत्पल बसु ने बाद में कहा कि उम्मीदवार को तभी अयोग्य ठहराया जाना चाहिए, जब कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो और आरोपी को दोषी ठहराया जा चुका हो.
निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक, 16,15,000 वीवीपैट मशीनों की खरीद में 3,173.47 करोड़ की लागत आएगी.
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