चाचा शिवपाल के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
खास बातें
- लखनऊ में नया नारा ईजाद हुआ है, 'विकास की चाभी डिंपल भाभी'
- अखिलेश ने कहा, 'मैं फुटबॉल का प्लेयर रहा हूं, कभी सेल्फ गोल नहीं करता'
- अमर सिंह को अंकल कहने वाले अखिलेश ने कहा, 'आज से यह बंद'
लखनऊ: यूपी में यादव परिवार में युद्धविराम हो गया. शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे जबकि अखिलेश यादव संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए. शिवपाल के विभाग भी लौटाए गए. अखिलेश यादव ने शिवपाल के घर पहुंच कर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह अध्यक्ष के नहीं बल्कि चाचा के घर गए थे.
लखनऊ की सुबह नारों के साथ हुई. 'ये जवानी है कुरबान, अखिलेश भैया तेरे नाम' तो पुराना पड़ा, नया नारा ईजाद हुआ है, 'विकास की चाभी डिंपल भाभी.' पार्टी से लेकर सीएम के बंगले तक नारे गूंजते रहे. लेकिन इस बीच अखिलेश ने शिवपाल के घर पहुंच कर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए बधाई दी और कहा, 'मैं चाचा के घर गया था, प्रदेश अध्यक्ष के घर नहीं.'
अखिलेश यादव में इतने दिनों में आत्मविश्वास और हाजिरजवाबी दोनों बढ़ी है. ये पूछे जाने पर कि इस जंग से पार्टी को क्या नुकसान हुआ? उनका कहना था कि फायदा ये हुआ कि सबसे ज्यादा खबरों में रहे. किसी ने पूछा कि आपने जो किया ये सेल्फ गोल नहीं है? अखिलेश ने कहा, 'मैं फुटबॉल का प्लेयर रहाहूं, जिन्होंने मेरा गेम देखा है, वो जानते हैं कि हम वो प्लेयर हैं जो सेल्फ गोल कभी नहीं करते.'
अखिलेश ने कुछ सियासी रिश्ते तोड़ने के भी ऐलान किये. बहनजी कहलाने वाली मायावती को वो 'बुआ जी' कहते हैं, उनसे मेरी तरफ से बता दीजिए कि आज से यह भी बंद.
यही नहीं, अमर सिंह को अंकल कहने वाले अखिलेश सबसे ज्यादा उन्हीं से नाराज हैं. पहले उन्हें बाहरी आदमी बताया था और आज तो अंकल कहने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'आज से यह भी बंद.