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This Article is From Sep 27, 2020

बीजेपी शासित गठबंधन छोड़ने के बाद अकाली दल ने संयुक्त विपक्ष का किया आह्वान

शिवसेना के संजय राउत ने अकाली दल के समर्थन में एक पोस्ट भी कहा, "शिवसेना ने किसानों के हित में एनडीए के साथ अपने संबंध तोड़ने के अकाली दल के फैसले की सराहना की."

बीजेपी शासित गठबंधन छोड़ने के बाद अकाली दल ने संयुक्त विपक्ष का किया आह्वान
सुखबीर बादल ने कृषि बिल के खिलाफ एकजुट हो शांतिपूर्ण लड़ाई का आह्वान किया.
चंडीगढ़:

शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि पिछले सप्ताह पारित नए विवादास्पद फार्म बिलों का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है, उन्होंने कहा कि देश के किसानों को बचाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट लड़ाई के लिए साथ आना होगा.

बादल की पार्टी अकाली दल भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी थी, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद को आश्वस्त करने के लिए केंद्र के इनकार और जम्मू और कश्मीर में एक आधिकारिक भाषा के रूप में पंजाबी को शामिल नहीं करने को लेकर शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)से बाहर चली गई है. अकाली दल शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी के बाद एनडीए से बाहर निकलने वाला तीसरा प्रमुख सदस्य है.

बादल ने पंजाब के रोपड़, होशियारपुर और फगवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों की सभाओं में कहा, “किसानों की आर्थिक दुर्दशा पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है. नए कृषि बिलों की तरह कुछ भी जो किसानों के उत्पादन के भाग्य के बारे में अनिश्चितता को बढ़ाता है, देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता के लिए विनाशकारी प्रभाव हो सकता है. इसलिए, हम देश के व्यापक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं."

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पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के विरोध का सामना करते हुए, बादल ने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से आह्वान किया है कि वे देश में किसानों, खेत श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई में एकजुट हों.

बादल ने कहा, "हम किसानों, खेत मजदूरों, आढ़तियों (कृषि एजेंटों) और अन्य कृषि उपज व्यापारियों के समग्र हितों के लिए किसी भी संघर्ष में शामिल होने या उनका पालन करने के लिए तैयार हैं." बादल ने एकजुट होने के आह्वान का शिवसेना और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने समर्थन किया.

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तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया. "हम किसानों के लिए बादल और अकाली दल के समर्थन का समर्थन करते हैं. किसानों के लिए लड़ाई तृणमूल डीएनए का हिस्सा है. 2006 में, ममता बनर्जी ने किसानों के अधिकारों के लिए 26 दिन के उपवास पर अपना जीवन जोखिम में डाल दिया. हम कृषि बिलों का विरोध करते हैं क्योंकि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और खरीद की राज्यों की भूमिका को खतरे में डालते हैं."

शिवसेना के संजय राउत ने अकाली दल के समर्थन में एक पोस्ट भी कहा, "शिवसेना ने किसानों के हित में एनडीए के साथ अपने संबंध तोड़ने के अकाली दल के फैसले की सराहना की."

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