दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक, बचने के लिए बरतें एहतियात

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी की हवा में प्रदूषण कणों की मात्रा तय मानक से ज्यादा हो चुकी है, जो लोगों को कई बीमारियों का शिकार बना रही है। प्रदूषण के इस खतरे से बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय राजधानी के शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक, डॉ. जेसी मोहन ने विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा, 'दिल्ली में धुंध भरा धुआं और प्रदूषण दिन के समय सबसे ज्यादा होता है और लोग इस समय बाहर निकलने से परहेज करें।

इसके साथ ही बच्चों और बजुर्गों के बाहर जाने का समय सुबह जल्दी या शाम को तय किया जाना चाहिए। अगर दिन में बाहर जाना पड़े तो मुंह और नाक पर रुमाल बांध लेने से हानिकारक कणों से बचा जा सकता है।'

उन्होंने कहा कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि फल और सब्जियों का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को प्रदूषण से पैदा होने वाले हानिकारक कणों से सुरक्षित रखते हैं।

जेसी मोहन ने कहा, 'अच्छी गुणवत्ता के तरल पदार्थ, जिसमें शराब शामिल नहीं है, शरीर के अंदरूनी हिस्सों में नमी बनाए रखते हैं। अधिक प्रदूषण वाली जगहों पर व्यायाम नहीं करना चाहिए। अगर ऐसे हालात हों तो घर पर ही व्यायाम करना ज्यादा बेहतर है या फिर प्रदूषण मुक्त वातावरण का चुनाव करें।'

वायु प्रदूषण अब दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण आधारित स्वास्थ्य समस्या मानी जा रही है, जो विश्व भर में 70 लाख से ज्यादा कम उम्र में मौतों का कारण बन रही है। इसलिए प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारियों को दूर रखने के लिए सावधानियां बरतना और भी जरूरी हो जाता है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

हवा में मौजूद बारीक कण इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। ढाई माईक्रोन से भी छोटे ये कण आसानी से देखे भी नहीं जा सकते हैं और बहुत आसानी से हमारे शरीर में दाखिल हो जाते हैं। फिर वे फेफड़ों और दिल के पास वाली लहू शिराओं पर अपना असर डालना शुरू कर देते हैं। इससे दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं।