भाविक बंसल बैक-टू-बैक देश के टॉप मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में टॉप रैंकर बने हैं. एम्स एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में वो नंबर वन रहे तो नीट में उन्हें दूसरी रैंक मिली. भाविक की इस सफलता में खास बात ये है कि बाकी मेडिकल और इंजीनियरिंग में टॉप आने वाले छात्रों की तरह भाविक शुरू से टॉप रैंकर्स रहें हो ऐसा नहीं है. एनडीटीवी से बातचीत में भाविक बताते हैं कि दसवीं तक वो कभी अपने स्कूल या क्लास में फर्स्ट नहीं आये. हां, ग्यारहवीं से पढ़ाई को लेकर भाविक के रुख में काफी बदलाव आया. वजह ये थी कि 11वीं में उन्हें अपनी मन पसंद का विषय चुनने का मौका मिला और फिर वो अच्छा करने लगे.
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भाविक बताते हैं कि वो अपने लिए छोटे-छोटे टारगेट सेट करते और उन्हें पूरा करते. पर यहां आपको यह भी ध्यान रखना है कि अगर आपका लक्ष्य मेडिकल प्रवेश परीक्षा है और आप 12वीं में बहुत अच्छे मार्क्स नहीं भी ला पाए तो उसे आप अपनी प्रतिष्ठा से मत जोड़िये. एम्स और नीट की तैयारी को लेकर अपनी स्ट्रेटेजी शेयर करते हुए भाविक बताते हैं कि दोनों के लिए तैयारी में आपको कुछ बेसिक बातों का ध्यान चाहिए. नीट में आप पिछले सालों के सवाल की तरह के सवाल आने की उम्मीद कर सकते हैं पर एम्स में इसकी उम्मीद मत कीजिये. एम्स में आपको ज्यादा क्रिएटिव होना पड़ेगा और इसके लिए थ्योरी पर बहुत अच्छा कमांड होना चाहिए. हां अगर नीट करना है तो आपको वो सवाल तो करना ही है जो पिछले सालों में आये हैं. यहां तक कि एम्स के सवाल कितने मुश्किल होते हैं ये समझना भी है तो भी आपको पिछले सालों के सवाल से बहुत सहायता नहीं मिलेगी. क्योंकि जो सवाल आपके पास आते हैं वो याद पर आधारित होते हैं और इस बात कि बहुत काम गुंजाइश है कि उसमें सवालों को सही तरीके से पेश किया गया हो.
भाविक कहते हैं कि अगर आपको एम्स करना है तो आपको जेईई की किताबों और पिछले सालों के सवालों का सहारा भी लेना चाहिए. नीट के लिहाज़ से अगर आपकी बाओलॉजी की तैयारी है तो फिर एम्स के लिए फिजिक्स और केमिस्ट्री पर और अधिक मेहनत करने की जरुरत है. फिजिक्स की स्ट्रेटेजी पर विस्तार में जाते हुए भाविक बताते हैं कि एम्स में 70-80 प्रतिशत सवाल 12वीं से पूछे जाते हैं, पर खास बात ये है कि लगता तो ये है कि सवाल मॉडर्न फिजिक्स से पूछे जा रहे हैं पर उसमें मकेनिक्स के भी कॉन्सेप्ट्स भी लगे होते हैं. यानी अगर आपके कॉन्सेप्ट्स बहुत अच्छे नहीं है तो उस तरह के सवाल को हल करना मुश्किल होगा.
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अब अगर केमिस्ट्री की बात करें तो भाविक का मानना है कि एम्स के सवालों को हल करने के लिए एनसीईआरटी काफी नहीं है. भाविक ने आर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए एमएस चौहान की किताब का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा भाविक का मानना है कि जेईई मेंस के सवाल करना भी फायदेमंद रहता है. अगर बात करें फिजिकल केमिस्ट्री की तो ये आसान हो जायेगा अगर आपने पहले ही फिजिक्स को अच्छे से पढ़ लिया है. बायोलॉजी काफी कुछ नीट की तरह का ही होता है और एनसीईआरटी से ही अधिकतर सवाल आते हैं. अब केवल पढ़ाई से थोड़ा हट कर बात करें तो भाविक अपने बारे में एक दिलचस्प बात बताते हैं जो अधिकतर टॉपर में आपको नहीं मिलेगी.
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भाविक कहते हैं कि वो 5 मिनट से ज्यादा फ़ोन से दूर नहीं रह सकते और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा के दौरान भी भाविक ने स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल किया. पर हां, इस पर वो अपना टाइम ख़राब नहीं करते थे बल्कि कठिन सवालों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करते और उसे चैलेंज के रूप में लेते. भाविक का कहना है आपको करंट अफेयर्स पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है. खासकर बहुत सारे लोग कहते हैं कि नीट के बाद एम्स के लिए 20 दिन का वक़्त होता है उसमें करंट अफेयर्स देख लेना चाहिए पर भाविक की सलाह है कि इन दिनों में भी आपको फिजिक्स पर ज्यादा धयान देना चाहिए. दिल्ली के रहने वाले भाविक अब एम्स दिल्ली में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
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