अमरीका (US) में विवादित 5G तकनीक की नई संचार सेवाओं (5G Communication services)की शुरुआत को राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के हस्तक्षेप के बाद टाले जाने पर एयर इंडिया (Air India) ने फिर से बोइंग (Boeing) विमान B777 की उड़ान अमरीका (America) के लिए चालू कर दी है. एयरलाइन के अधिकारियों ने बताया है कि अमरीकी अधिकारियों ने मंजूरी मिलने के बाद यह सेवाएं दोबारा चालू की गई हैं. इससे पहले अमेरिका की 5G सेवाओं की नई योजना को देखते हुए एयरइंडिया ने अमेरिका के लिए 8 से अधिक उड़ाने रद्द कर दीं थीं.
हाल ही में 6000 भारतीय पायलेट्स के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलेट्स (FIP) ने कहा था कि 5G वायरलैस सिग्नल (5G wireless signals) हवाईजहाजों के संवेदनशील उपकरणों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और इससे हवाईयात्रा की सुरक्षा (aviation safety) को खतरा हो सकता है.
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, "बोइंग ने एयर इंडिया को अमेरिका में B777 को फिर से सेवाएं देने की अनुमति दे दी है. आज सुबह जॉन एफ कैनेडी हवाईअड्डे के लिए पहली उड़ान जा चुकी है. आज शिकागो और सैन फ्रांसिस्को को भी उड़ानें जाएंगी. B777 का अमेरिकी में उड़ान का मुद्दा सुलझा लिया गया है."
अमेरिका में नई 5G तकनीक की संचार सेवाओं की योजना से भारत ही नहीं पूरी दुनिया की हवाई सेवाओं पर असर हुआ था. इन नई 5G सेवाओं के विरोध में कई अमेरिकी विमान कंपनियों ने तो उड़ाने रद्द की ही थीं, साथ ही सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र भारत, UAE,जापान, साउथ कोरिया जैसे देशों से भी अमेरिका के लिए बहुत सी उड़ानें रद्द कर दी गईं थीं.
वैश्विक दबाव के बाद टली नई 5G सेवाएं
दुनिया भर से अमेरिका के उड़ानें रद्द होने के बाद अमेरिका में इन विवादित 5G सेवाओं को शुरू करने वाली कंपनियों Verizon और AT&T को अपनी नई 5G सेवाओं की शुरुआत को टालने के लिए राज़ी होना पड़ा. आखिरी समय पर AT&T और Verizon मंगलवार देर शाम बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरक्षा चिंताओं को लेकर हुई बातचीत के बाद अमरीकी हवाईअड्डों के करीब लगे सैकड़ों 5G मोबाइल टावरों का उद्घाटन टालने के लिए मानीं. इन कंपनियों ने पिछले साल इन नई 5G सेवाओं का अधिकार पाने के लिए अमरीकी सरकार को कई बिलियन डॉलर चुकाए हैं. हालांकि AT&T और Verizon ने यह नहीं बताया कि नई 5G सेवाओं की शुरुआत को कितनी देर के लिए टाला गया है या किन एयरपोर्ट या क्षेत्रों के लिए इन सेवाओं की शुरुआत को टाला गया है.
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों के साथ बनी सहमति से यात्री उड़ानों, कार्गो सेवाओं और अर्थव्यवस्था की रिकवरी को हो सकने वाले भारी नुकसान को टाला जा सकेगा.
क्या है मामला?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने 2021 में मिड रेंज 5G बैंडविड्थ की मोबाइल फोन कंपनियों को नीलामी की थी. इस दौरान C बैंड स्पैक्ट्रम की 3.7-3.98 GHz रेंज की नीलामी करीब $80 बिलियन में की गई थी. जबकि एयरलाइंस के सुरक्षा उपरकरण 4.2-4.4 GHz रेंज पर काम करते हैं. इस बात को लेकर अहम चिंताएं हैं कि यह दोनों रेंज एक दूसरे के बहुत पास है और इससे गड़बड़ियां हो सकती हैं.
अमेरिकी एयरलाइंस ने दी थी गंभीर सुरक्षा चेतावनी
ताज़ा घटनाक्रम से पहले अमेरिका की बड़ी एयरलाइन सेवा यूनाइटेड एयरलाइन्स ने कहा है कि अमेरिकी सरकार के मौजूदा 5G रोलआउट योजना का उड्डयन क्षेत्र पर बहुत बुरा प्रभाव होगा, और इससे हर साल 1.25 मिलियन यूनाइटेड यात्रियों, 15,000 उड़ानों और देश के 40 से ज्यादा बड़े हवाईअड्डों से बेहद ज़रूरी टनों सामान लाने-ले जाने वाले कार्गो विमानों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
एयरलाइंस ने अपने एक बयान में कहा था कि हवाईपट्टी के पास 5G सिग्नल लगाने से अहम सुरक्षा उपकरण प्रभावित हो सकते हैं जिन पर पायलेट ख़राब मौसम में उड़ान भरने और एयरपोर्ट पर उतरने के लिए भरोसा करते हैं.
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