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This Article is From Oct 03, 2015

पटेलों के बाद अब गुजरात में ब्राह्मणों ने आरक्षण, पुजारियों के लिए वेतन की मांग की

पटेलों के बाद अब गुजरात में ब्राह्मणों ने आरक्षण, पुजारियों के लिए वेतन की मांग की
वडोदरा: आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बीच गुजरात में ब्राह्मणों के एक संगठन ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग की है। 'ऑल गुजरात ब्रह्म समाज' ने इसके साथ ही सरकार से राज्य के मंदिरों में तैनात ब्राह्मण पुजारियों के लिए मासिक वेतन की भी मांग की है।

ऑल गुजरात ब्रह्म समाज के अध्यक्ष शैलेश जोशी ने कहा कि संगठन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को दिन भर की बैठक की और आरक्षण एवं ब्राह्मण पुजारियों के लिए वेतन समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में कई प्रस्ताव पारित किए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, गुजरात की बीजेपी सरकार को तमिलनाडु सरकार का अनुकरण करते हुए राज्य के सभी मंदिरों के पुजारियों को मासिक वेतन देना चाहिए। जोशी ने कहा कि गुजरात में ब्राह्मणों की आबादी 62 लाख है और सरकार को राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर 55 लाख ब्राह्मणों पर ध्यान देने के लिए एक ब्राह्मण विकास बोर्ड का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन चाहता है कि सरकार केवल आर्थिक मापदंड के आधार पर आरक्षण दे।

संगठन के अध्यक्ष ने कहा, हम चाहते हैं कि सरकार आरक्षण की (वर्तमान) व्यवस्था को बदले और जातियों की बजाए आर्थिक स्थिति पर आधारित व्यवस्था लेकर आए। हमारा मानना है कि ब्राह्मणों समेत आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा, वर्तमान आरक्षण व्यवस्था के कारण हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा या नौकरियां नहीं मिल रही हैं। संगठन के समन्वयक प्रदीप जानी ने अपनी मांगों के समर्थन में गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए स्थानीय स्तर की समितियों के गठन की घोषणा की।

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