बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एनआरसी (NRC) के बाद अब एनपीआर (NPR) के नए प्रश्नों से भी खुश नहीं हैं. एनपीआर को लेकर जेडीयू ने शुक्रवार को मोदी सरकार से NPR फॉर्म में बदलवा की मांग की है. जेडीयू की ओर से ललन सिंह ने एनडीए (NDA) की बैठक में यह मांग उठाई. जेडीयू नेता ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने बैठक में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी. सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अन्य सहयोगियों ने भी इस मुद्दे पर जेडीयू का समर्थन किया. इससे पहले मंगलवार को नीतीश कुमार ने पटना में एक संवादाता सम्मेलन में कहा कि नए प्रश्नों को जोड़ने के बाद भ्रम की स्थिति बनी है, खासकर माता-पिता का जन्म और उम्र और इस जानकारी की कोई ज़रूरत नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब लोगों को मालूम नहीं होता कि उनके माता-पिता कहां पैदा हुए इसलिए जो पुराने सवालों की लिस्ट है उसी पर अमल किया जाना चाहिए. नीतीश ने कहा था कि लोकसभा और राज्यसभा में उनकी पार्टी के संसदीय दल के नेता इस बारे में अपनी बात रखेंगे.
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नए नागरिक कानून के बारे में उन्होंने कहा कि लोगों को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकर को माहौल को सामान्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन्हें आपत्ति है उन्हें इस मामले में सर्वोच्च न्यायलय के सामने बहस करनी चाहिए. लेकिन विभिन्न राज्य सरकर द्वारा इसके खिलाफ जो प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं, हर प्रदेश का अपना-अपना अधिकार और राय होता है. उन्होंने कहा कि अकारण आंदोलन करने से कोई फायदा नहीं होगा.
VIDEO: CM नीतीश कुमार ने कहा- बिहार में NRC की 'नो एंट्री'
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