
नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपने वादे के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदन से जीएसटी बिल पारित करवा लिया. यह बिल सर्वसम्मति से पास हुआ. हालांकि वामपंथी सीपीआई माले ने इसका विरोध किया लेकिन अपना विरोध दर्ज कर वह सदन का बहिष्कार करके चली गई.
इस पर बिहार विधानसभा में बोलते हुए नीतीश कुमार ने दावा किया कि पिछले दिनों जब GST की दर को लेकर गतिरोध बना हुआ था तब उन्होंने अरुण जेटली के साथ एक मुलाक़ात के बाद कहा था कि इस मुद्दे पर कैप लगाने की मांग से वो असहमत हैं जिसके बाद राज्यसभा में इस बिल को पारित करने में भाजपा सरकार को मदद मिली.
दरअसल कांग्रेस पार्टी अड़ी थी कि जीएसटी दर 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. हालांकि नीतीश कुमार शुरू से इस बिल के पक्षधर थे क्योंकि बिहार में लागू हो जाने के बाद कम से कम 6000 करोड़ का लाभ होगा. नीतीश ने अपने समर्थन के साथ साथ केंद्र के सामने मांगों की झरी लगा दी जिसके राज्यों को ही केंद्र के हिस्से का कर वसूलने की ज़िम्मेदारी देने की मांग प्रमुख है.
नीतीश का कहना हैं कि हर राज्य में दो टैक्स वसूलने की एजेंसी काम करेंगी तो मुश्किलें बढ़ेंगी. असम के बाद बिहार दूसरा राज्य है जिसने GST पारित किया है. पिछले तीन सालों के दौरान ये पहला मौक़ा था कि नीतीश कुमार के भाषण में विपक्षी भाजपा सदस्य बैठे थे अन्यथा 2013 जून के बाद जब नीतीश और भाजपा के सम्बंध और तालमेल ख़त्म हो गए थे तब से नीतीश कुमार भाषण देने के लिए खड़े होते हैं तो भाजपा उसके पहले सदन का बहिष्कार किसी न किसी बहाने कर के निकल ही जाती रही है.
इस पर बिहार विधानसभा में बोलते हुए नीतीश कुमार ने दावा किया कि पिछले दिनों जब GST की दर को लेकर गतिरोध बना हुआ था तब उन्होंने अरुण जेटली के साथ एक मुलाक़ात के बाद कहा था कि इस मुद्दे पर कैप लगाने की मांग से वो असहमत हैं जिसके बाद राज्यसभा में इस बिल को पारित करने में भाजपा सरकार को मदद मिली.
दरअसल कांग्रेस पार्टी अड़ी थी कि जीएसटी दर 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. हालांकि नीतीश कुमार शुरू से इस बिल के पक्षधर थे क्योंकि बिहार में लागू हो जाने के बाद कम से कम 6000 करोड़ का लाभ होगा. नीतीश ने अपने समर्थन के साथ साथ केंद्र के सामने मांगों की झरी लगा दी जिसके राज्यों को ही केंद्र के हिस्से का कर वसूलने की ज़िम्मेदारी देने की मांग प्रमुख है.
नीतीश का कहना हैं कि हर राज्य में दो टैक्स वसूलने की एजेंसी काम करेंगी तो मुश्किलें बढ़ेंगी. असम के बाद बिहार दूसरा राज्य है जिसने GST पारित किया है. पिछले तीन सालों के दौरान ये पहला मौक़ा था कि नीतीश कुमार के भाषण में विपक्षी भाजपा सदस्य बैठे थे अन्यथा 2013 जून के बाद जब नीतीश और भाजपा के सम्बंध और तालमेल ख़त्म हो गए थे तब से नीतीश कुमार भाषण देने के लिए खड़े होते हैं तो भाजपा उसके पहले सदन का बहिष्कार किसी न किसी बहाने कर के निकल ही जाती रही है.
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