युद्धग्रस्त अफगानिस्तान (Afghanistan) से लोगों की निकासी पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने आज विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के चलते बने हालात को देखते हुए भारत में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को बहुत जरूरी बताया. पुरी ने एक ट्वीट में लिखा, ''हमारे अस्थिर पड़ोस में (अफगानिस्तान) हालिया घटनाक्रम और हिंदू व सिख समुदाय के लोग जिस तरह के कष्टकारी समय से गुजर रहे हैं, यह बताता है कि नागरिकता संशोधन कानून कितना जरूरी है.''
पुरी ने ट्वीट किया, "हमारे अस्थिर पड़ोस में हालिया घटनाक्रम और जिस तरह से सिख और हिंदू एक कष्टदायक समय से गुजर रहे हैं, ठीक यही कारण है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करना आवश्यक था."
भारत सरकार ने अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों के साथ-साथ देश में अपने दोस्तों को मदद का वादा किया है, जिन्हें मदद की जरूरत है.
Recent developments in our volatile neighbourhood & the way Sikhs & Hindus are going through a harrowing time are precisely why it was necessary to enact the Citizenship Amendment Act.#CAA#Sikhs
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 22, 2021
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले हफ्ते कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक में कहा था, "भारत को न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए जो भारत आना चाहते हैं. हमें अपने अफगान भाइयों और बहनों को भी हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए जो सहायता के लिए भारत की ओर देख रहे हैं."
याद दिला दें कि सीएए का विरोध करने वालों का मानना था कि नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के साथ कानून का इस्तेमाल मुसलमानों को लक्षित करने के लिए किया जाएगा. विरोध का केंद्र दिल्ली के शाहीन बाग में था, जहां सभी उम्र की महिलाओं ने इसे लगभग तीन महीने तक चौबीसों घंटे तब तक जारी रखा जब तक कि कोविड महामारी ने दस्तक नहीं दी.
कानून 10 जनवरी, 2020 से लागू हुआ. लेकिन कानून के तहत नियमों को अधिसूचित किया जाना बाकी है और इन नियमों के बनने के बाद पात्र लाभार्थियों को नागरिकता दी जाएगी.
4 अगस्त को, संसद के मानसून सत्र के दौरान, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को बताया कि नागरिकता अधिनियम में किसी और संशोधन के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
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