दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है. भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने मंगलवार को कहा है कि कंपनी टीकों के मासिक उत्पादन में कम से कम 50 प्रतिशत की कमी कर रही है. इसके पीछे की वजह पूनावाला ने केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त ऑर्डर नहीं मिलना बताया है.
महाराष्ट्र में 45 से अधिक उम्र के केवल 56 प्रतिशत लोगों को ही लगी हैं कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज
पूनावाला ने CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि "मैं वास्तव में असमंजस में हूं, जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी ... हम एक महीने में 250 मिलियन खुराक का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारत ने अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से को कवर किया है और हमने स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किये गये सारे ऑर्डर पूरे कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि अभी तक कोई ऑर्डर नहीं आया है. इसलिए मैं उत्पादन में कटौती कर रहा हूं. उन्होंने अगली तिमाही में कोविशिल्ड के एक्सपोर्ट ऑर्डर में तेजी की बात कही.
कोरोना से लड़ने में एस्ट्राजेनेका, फाइजर टीकों के साथ अन्य टीकों का मिश्रण काफी कारगर : अध्ययन
पूनावाला ने कहा कि अगर बूस्टर खुराक के लिए और टीकों की आवश्यकता होती है, तो हमने केंद्र सरकार को पहले ही लिखा है. हम उनके निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. वर्तमान में वैक्सीन के 500 मिलियन डोज का स्टॉक है. इसमें से आधा दो महीने में समाप्त हो सकता है. इसकी शेल्फ लाइफ नौ महीने की है. इसलिए हमें यह तय करना होगा कि स्टॉक के साथ क्या करना है.
अफवाह बनाम हकीकत: ओमिक्रॉन का तेजी से प्रसार, अन्य देशों से क्या सीख ले सकता है भारत?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं