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This Article is From Oct 02, 2020

अमिताभ बच्चन और एम्स के निदेशक ने #SwasthyaMantra Telethon में कोरोना वैक्सीन पर की चर्चा

डॉ गुलेरिया ने बताया कि वियतनाम, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने तीन स्तंभों को अपनाया है जो COVID-19 को हराने में कामयाब रहे हैं.

अमिताभ बच्चन और एम्स के निदेशक ने #SwasthyaMantra Telethon में कोरोना वैक्सीन पर की चर्चा
नई दिल्ली:

एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से अग्रिम पंक्ति में हैं. उन्होंने न केवल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में COVID-19 मामलों को संभाला, बल्कि गुजरात जैसे अन्य राज्यों को भी मार्गदर्शन प्रदान किया है जो कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. डॉ गुलेरिया एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया 12 घंटे के स्वस्थ्य मंत्रा टेलीथॉन (NDTV-Dettol Banega Swasth India 12-hour SwasthyaMantra telethon) में अभियान के राजदूत अमिताभ बच्चन (Amitabh Bacchan) के साथ शामिल हुए और उन्होंने कोरोना वायरस (COVID-19) वैक्सीन पर एक राष्ट्र की निर्भरता से लड़ने के तरीकों के बारे में बात की.

अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत में डॉ. गुलेरिया ने COVID योद्धाओं की भूमिका के बारे में उल्लेख किया और कोरोनो वायरस महामारी से बचाने के लिए तीन तरीके साझा किए.

उन्होंने कहा "गांधी जयंती के अवसर पर, मैं उन सभी कोविड योद्धाओं को सलाम करना चाहता हूं, जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाई है. हमने उनमें से 500 से अधिक को खो दिया है. बनेगा स्वच्छ भारत कार्यक्रम इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि स्वच्छता और स्वस्थ्य परस्पर जुड़े हुए हैं. यदि आप हाइजीनिक हैं, तो आप स्वस्थ भी रहेंगे. तो क्या होगा अगर एक टीका नहीं है? हमारे पास एक टीका है जिसे गैर-औषधीय उपाय कहा जाता है और वे तीन उपाय उसके व्यापक स्तंभ हैं, सामाजिक दूरी यानि सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थान पर फेस मास्क पहनना और हाथ धोना. अगर हमारे पास ये तीन स्तंभ हैं, तो हम कोविड के खिलाफ इस लड़ाई को जीत सकते हैं. "

डॉ गुलेरिया ने बताया कि वियतनाम, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने तीन स्तंभों को अपनाया है जो COVID-19 को हराने में कामयाब रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा,"कोविड-19 से जूझ रहे विशाल अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य व्यय वाले अमेरिका जैसे देश भी हैं. अगर हम सभी कोविड से लड़ने के अपने प्रयासों में इन तीन स्तंभों को शामिल करते हैं तो हम इस लड़ाई को जीतने में सक्षम होंगे. यह जनता द्वारा जीता जाएगा न कि डॉक्टरों द्वारा या अस्पतालों में. इसके साथ ही अगर हम इन स्तंभों को मजबूत करते हैं तो हमें टीके (वैक्सीन) की आवश्यकता नहीं होगी."

अमिताभ बच्चन ने डॉ. गुलेरिया से बातचीत के दौरान एचआईवी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि देश में एचआईवी के खिलाफ टीका नहीं है, लेकिन फिर भी हमने इस पर काबू पाया है. इसी तरह हमें COVID-19 से लड़ना होगा. इस पर डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन (टीका) कोई जादुई बुलेट नहीं होगी जो महामारी को तुरंत रोक देगी,

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डॉ गुलेरिया ने बताया..."लोग कह रहे हैं कि टीका आएगा लेकिन टीका कितना सुरक्षात्मक होगा? क्या हमें खुद को रीवैक्सीनेट करना पड़ेगा? हम अपनी जनसंख्या के प्रत्येक नागरिक का टीकाकरण कैसे करेंगे? यह एक विशाल कार्य होगा. यह वायरस एक चतुर वायरस है, यह खुद को बदल देगा. वैक्सीन की प्रभावकारिता नहीं होगी. इसलिए, ये तीन स्तंभ अधिक से अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं. एक टीका मदद करेगा लेकिन यह एक जादू की गोली नहीं है. हमें खुद कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई का हिस्सा बनना होगा. यदि हम स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो हम स्वस्थ जीवन जी पाएंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ जीत हासिल करेंगे."

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