रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चार लोगों की हत्या के सिलसिले में आज तीन पुलिस अधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया। यह आदेश पुलिस मुख्यालय के गुप्तेश्वर पाण्डेय ने शुरुआती जांच के बाद दिए। जिन तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें स्थानीय थाने के प्रभारी, मामले के जांचकर्ता तथा सर्किल इंस्पेक्टर शामिल हैं।
मामला ऐसा था कि जिले के सराय थाने के तहत आने वाले अजीतपुर गांव में पहले एक युवक का अपहरण किया गया, और फिर उसकी बरामदी के बाद उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची। लेकिन बिहार पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी अपहरण की नहीं, गुमशुदगी की लिखवाई गई थी, और बिना जांच किए किसी को गिरफ्तार करना संभव नहीं था। पुलिस के मुताबिक, रविवार को पुलिस गांव पहुंची थी, लेकिन भीड़ के बेकाबू होने के कारण वे लोग गांव में वक्त रहते प्रवेश नहीं कर पाए थे।
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