'दूसरे' राज्यों में संसदीय सचिवों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलेंगे आम आदमी पार्टी के नेता

'दूसरे' राज्यों में संसदीय सचिवों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलेंगे आम आदमी पार्टी के नेता

मनीष सिसोदिया की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के नेता शुक्रवार शाम दूसरे राज्यों में हुई संसदीय सचिव की नियुक्ति के मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलेंगे. आप नेताओं का कहना है कि दूसरे राज्यों में जो संसदीय सचिवों की नियुक्तियां हुई हैं, वह अवैध हैं.

पार्टी नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, आशुतोष और गोपाल राय शाम को राष्ट्रपति से मिलेंगे और शिकायत करेंगे कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, नगालैंड, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी, राजस्थान जैसे राज्यों में भी संसदीय हैं, जो वेतन भत्ता और बाकी सारी सुविधाएं ले रहे हैं. जब दिल्ली में बिना किसी वेतन भत्ते सुविधायों के 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति रद्द हो सकती है, इनकी राज्यों के संसदीय सचिव की नियुक्ति क्यों नहीं. आम आदमी पार्टी नेता जून के महीने में चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर चुके हैं और मांग कर चुके हैं कि इन विधायकों की सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए, क्योंकि ये लाभ के पद पर हैं.

इससे पहले चुनाव आयोग ने 21 आप विधायकों को कोई राहत ना देते हुए सख्त भाषा में कहा था कि वे 17 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करें, वरना हम मान लेंगे की आपके पास कोई जवाब नहीं है. दरअसल आप विधायकों ने 23 सितंबर को चुनाव आयोग में हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार के जवाब और संसदीय सचिव की नियुक्ति रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर जवाब देने के लिए समय मांगा था.

आयोग ने 7 अक्टूबर तक जवाब देने का समय दिया, लेकिन इसके बाद 7 अक्टूबर को आप विधायकों ने याचिका देकर दिल्ली सरकार के जवाब की हार्ड कॉपी की मांग करते हुए जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का समय मांग लिया. लेकिन आयोग ने सख्त भाषा में कहा कि आपको पेन ड्राइव में सॉफ्ट कॉपी मिल चुकी है और आयोग आपकी दिल्ली सरकार का जवाब देने को बाध्य नहीं है. आप विधायकों से 17 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा गया है.


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