
यह यूनिट सीधे तौर पर सेना प्रमुख को रिपोर्ट करेगी.
नई दिल्ली:
भारत सरकार दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर हमला करने के लिए अलग से 'सर्जिकल स्ट्राइक' यूनिट बनाने पर काम कर रही है. सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने एनडीटीवी को बताया कि सेना के तीनों अंगों के जांबाज जवानों को इसमें शामिल किया जाएगा. यह स्पेशल यूनिट दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर हमला करने, कम से कम समय में दुश्मन का ज्यादा नुकसान करने में सक्षम होगी. नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, 'सरकार को लगता है कि उन्नत क्षमताओं वाले एक विशेष दल की जरूरत है, इसलिए सेना के सभी तीनों ब्रांच के जवानों से यह सर्वश्रेष्ठ इकाई बन रही है'. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की दिमागी उपज है.
इस नए कमांडो ग्रुप में वायुसेना, सेना और नेवी की विशेष फोर्स गरुड़, मार्कोस और पैरा के जवान शामिल होंगे. युद्ध क्षमताओं में निपुण इन जवानों की स्किल्स यूएस नेवी सील जैसी हैं. ये जवान जंगल और पहाड़ों से लेकर समुद्र में हर जगह काम करने में सक्षम हैं. यह यूनिट सीधे तौर पर सेना प्रमुख को रिपोर्ट करेगी.
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अधिकारी ने बताया कि इस यूनिट की हमलावर और प्लानिंग दो ब्रांच होंगी. इसके बाद हमलावर ग्रुप को दो सब यूनिट में बांटा गया है. सरकार ने 96 जवानों को प्लानिंग ग्रुप और 124 जवानों को हमलावर ग्रुप के लिए चुना है.
हमलावर ग्रुप के जवानों में युद्ध की उच्च कौशलता होने के साथ ही उनमें हाईटेक मैप समझने और एयर सपोर्ट के साथ सामंजस्य जैसे स्किल्स होंगे. सपोर्ट ग्रुप में ऐसे जवान भी शामिल होंगे, जिन्हें टारगेट एरिया की स्थानीय जानकारी होगी और वे हमलावर ग्रुप को खुफिया जानकारी मुहैया करा सकेंगे.
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अभी इस ग्रुप का नाम तय नहीं किया गया है. इस यूनिट को अलग से बजट मुहैया करवाया जाएगा. पाकिस्तानी सेना द्वारा बार-बार सीज फायर का उल्लंघन करना भी इस यूनिट के बनाए जाने की वजह हो सकती है. अधिकारी ने बताया, 'यह पड़ोसी देशों में भय पैदा करने लिए मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीति का हिस्सा भी है.'
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इस नए कमांडो ग्रुप में वायुसेना, सेना और नेवी की विशेष फोर्स गरुड़, मार्कोस और पैरा के जवान शामिल होंगे. युद्ध क्षमताओं में निपुण इन जवानों की स्किल्स यूएस नेवी सील जैसी हैं. ये जवान जंगल और पहाड़ों से लेकर समुद्र में हर जगह काम करने में सक्षम हैं. यह यूनिट सीधे तौर पर सेना प्रमुख को रिपोर्ट करेगी.
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अधिकारी ने बताया कि इस यूनिट की हमलावर और प्लानिंग दो ब्रांच होंगी. इसके बाद हमलावर ग्रुप को दो सब यूनिट में बांटा गया है. सरकार ने 96 जवानों को प्लानिंग ग्रुप और 124 जवानों को हमलावर ग्रुप के लिए चुना है.
हमलावर ग्रुप के जवानों में युद्ध की उच्च कौशलता होने के साथ ही उनमें हाईटेक मैप समझने और एयर सपोर्ट के साथ सामंजस्य जैसे स्किल्स होंगे. सपोर्ट ग्रुप में ऐसे जवान भी शामिल होंगे, जिन्हें टारगेट एरिया की स्थानीय जानकारी होगी और वे हमलावर ग्रुप को खुफिया जानकारी मुहैया करा सकेंगे.
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अभी इस ग्रुप का नाम तय नहीं किया गया है. इस यूनिट को अलग से बजट मुहैया करवाया जाएगा. पाकिस्तानी सेना द्वारा बार-बार सीज फायर का उल्लंघन करना भी इस यूनिट के बनाए जाने की वजह हो सकती है. अधिकारी ने बताया, 'यह पड़ोसी देशों में भय पैदा करने लिए मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीति का हिस्सा भी है.'
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