उत्तर प्रदेश में ओले की वजह से तबाह हुई फसलों का दायरा बढ़ता जा रहा है। साथ ही किसानों की खुदकुशी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यूपी में हुए नुकसान को लेकर हुए एक ताजा सर्वे के मुताबिक बीते एक महीने में कुल 67 किसानों ने खुदकुशी की है।
सबसे ज़्यादा खुदकुशी बुंदेलखंड के इलाके में हुई जहां सिर्फ मार्च के महीने में 54 किसानों ने जान दी। यूपी के 31 ज़िलों में करीब 26 लाख हेक्टेयर की फसलों पर असर पड़ा है। लेकिन मुश्किल ये है कि प्रभावित किसानों को वक़्त पर मुआवजा नहीं मिल पा रहा। सबसे बुरा हाल उन किसानों के परिवारों का है जिन्होंने आत्म-हत्या कर ली।
ओले की मार आलू के कारोबार पर भी पड़ी है। ओखला मंडी में आलू की बोरियों का अंबार लगा है। अलीगढ़ और आसपास के इलाकों में ओला गिरने की वजह से आलू किसानों को मजबूर होकर समय से पहले फसल निकालनी पड़ी...और बेहद सस्ते रेट पर आलू व्यापारियों को बेचना पड़ा।
इसका एक नतीजा ये हुआ कि दिल्ली की मंडियों में ज़रूरत से काफी ज़्यादा आलू पहुंचा है जिसकी वजह से आलू व्यापारियों को बेहद सस्ते में आलू बेचना पड़ रहा है। ओखला मंडी के आलू व्यापारी मोहम्मद सगीर कहते हैं, 'ओला गिरने से पहले नया आलू 70 से 80 रुपये डढ़ी (5 किलो) बिक रहा था...लेकिन ओला गिरने की वजह से आलू अब 40 रुपये डढ़ी बिक रहा है।'
बिन मौसम बारिश और ओले की वजह से दूसरी मौसमी सब्जियां तबाह हुई हैं और ओखला मंडी के व्यापारियों का दावा है कि जब उनकी सप्लाई आने वाले दिनों में कम होगी...तो वो महंगी होती जाएंगी।
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